19-Nov-2022 07:25 PM
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भोपाल, 19 नवंबर (संवाददाता) मध्यप्रदेश में लगभग पौने तीन वर्ष पहले तत्कालीन कमलनाथ सरकार के पतन का कारण बने वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों को निशाने पर लेने का राज्य के कांग्रेस नेता एक भी अवसर नहीं चूकते हैं और अब 'विभीषण' को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव के वायरल वीडियो ने ऐसे कांग्रेस नेताओं को एक और अवसर प्रदान कर दिया है।
वायरल वीडियो गुना जिले में हाल में आयोजित एक कार्यक्रम का बताया गया है, जिसमें श्री पी मुरलीधर राव मंच से ही कह रहे हैं कि वहां (कांग्रेस) बचा ही क्या है। सब विभीषण तो यहां (भाजपा) आ गए हैं। इस दौरान उन्हें मंच पर मौजूद राज्य सरकार के दो मंत्रियों महेंद्र सिंह सिसोदिया और प्रद्युम्न सिंह तोमर का नाम भी लिया। श्री राव के बयान के दौरान मंच और सभा ठहाकों से गूंज उठा। हंसी ठहाकों के बीच कांग्रेस से भाजपा में आए श्री सिसोदिया यह कहते हुए अवश्य सुने गए कि वे तो राम के सेवक हैं।
वायरल वीडियो को प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर एकाउंट से जारी करते हुए लिखा गया है, 'जयचंदों पर ताना, बीजेपी महासचिव मुरलीधर राव ने सिंधिया समर्थक मंत्रियों को बताया विभीषण, भरे मंच से मुरलीधर राव ने सिंधिया समर्थक मंत्रियों की मौजूदगी में उन्हें विभीषण कहा। इसे कहते हैं मुुंह पर ..ता मारना।'
वहीं इसी वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए कांग्रेस की प्रदेश इकाई के मीडिया विभाग के अध्यक्ष के के मिश्रा ने कहा, 'भाजपा महामंत्री मुरलीधर राव ने मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर को उनकी मौजूदगी में कहा विभीषण! मैं तो कर्म से क्षत्रिय हूं,पर आप? उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना ज़रूरी है, जो ज़िन्दा हों तो फिर ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है! विभीषणों आपके स्वाभिमान को शुभकामनाएं'।
श्री मिश्रा ने ट्वीट के जरिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक पुराने वीडियो को भी ट्वीट किया, जिसमें वे भी विभीषण का संदर्भ अपने भाषण में दे रहे हैं। श्री मिश्रा ने इस वीडियो के साथ लिखा है, 'मुरलीधर राव ने मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर को तो अब कहा 'विभीषण', शिवराज सिंह चौहान तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी इस 'सम्मान' से नवाज चुके हैं। स्वाभिमान रहित दलबदलुओं को दिए गए इस सम्मान के बाद भाजपा इस शब्द को सम्मानजनक बता रही है? '
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होता जा रहा था, इसी बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा का भी बयान आ गया। भोपाल में इस संबंध में मीडिया के सवालों के जवाब में श्री शर्मा ने कहा, 'सब भगवान राम के भक्त हैं और भगवान राम के भक्त के नाते ही कुछ कहा होगा। मुझे एग्जेक्टली पता नहीं है कि किन शब्दों का प्रयोग किया है।' प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विभीषण भी भगवान राम के भक्त थे और सत्य के साथ थे। कांग्रेस के पास तो अब कुछ है नहीं। उसके नेता झूठ और छल कपट की राजनीति करते हैं। भाजपा का नेतृत्व राज्य में आगामी चुनावों की तैयारियों में जुटा है।
इसके बाद प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर का बयान भी ट्वीट के जरिए आ गया। उन्होंने लिखा है, 'विभीषण सर्वथा स्तुत्य और वंदनीय हैं। विभीषण नहीं होते तो रावण के राज का अंत कैसे होता और रामराज्य की स्थापना कैसे होती ? जिन्हें भी विभीषण शब्द पर आपत्ति है, वह अपने नाम के साथ 'रावण' जोड़े लें।'
दरअसल नवंबर दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में भाजपा के 15 सालों के शासन के बाद कांग्रेस की सरकार बनी थी और श्री कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन लगभग पंद्रह माह बाद मार्च 2020 में अभूतपूर्व राजनैतिक घटनाक्रमों के चलते कांग्रेस के तत्कालीन वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा का दामन थाम लिया। उनके रास्ते पर चलते हुए तत्कालीन कमलनाथ सरकार के कुछ मंत्रियों समेत लगभग दो दर्जन कांग्रेस विधायकों ने अपने पदों से त्यागपत्र देकर भाजपा का झंडा उठा लिया था। इस वजह से कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गयी और उसका पतन हो गया। इसके बाद मार्च 2020 के तीसरे सप्ताह में श्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कमान संभाल ली और भाजपा सरकार का गठन हो गया।
इस घटनाक्रम के बाद से कांग्रेस नेता सरकार पतन के जिम्मेदार नेताओं पर हमले का कोई भी अवसर नहीं चूकते हैं।...////...