वकालत अत्यंत सम्माननीय और गरिमामय पेशा है-सक्सेना
03-Dec-2021 10:24 PM 7383
अजमेर 03 दिसम्बर (AGENCY) राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सत्य किशोर सक्सेना ने कहा कि वकालत विश्व में अत्यंत सम्माननीय और गरिमामय पेशा है। एडवोकेट सक्सेना आज यहां अधिवक्ता परिषद राजस्थान की अजमेर इकाई द्वारा जिला एवं सत्र न्यायालय के सेमिनार हॉल में आयोजित संगोष्ठी में को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत में भी वकालत गरिमामय और सत्कार के पेशे के तौर पर चलता आ रहा। स्वतंत्रता संग्राम में वकीलों से अधिक योगदान किसी और पेशे का नहीं रहा। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में वकीलों ने जमकर लोहा लिया। स्वतंत्रता ही नहीं अपितु स्वतंत्रता के बाद नये भारत के निर्माण में भी वकीलों की महत्ता बनी रही। महात्मा गांधी से लेकर भीमराव अंबेडकर तक वकालत के पेशे से अपने जीवन की शुरुआत करने वाले रहे भारत की महान विभूतियों के प्रारंभिक पेशे वकालत ही रहे। अधिवक्ता परिषद के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट जगदीश सिंह राणा ने भी कहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति संविधान समिति के अध्यक्ष रहे। इससे पहले वे वकील भी रहे। अजमेर इकाई के अध्यक्ष रामस्वरूप ने कहा कि किसी युग में वकालत इंग्लैंड का राजशाही पेशा रहा लेकिन आज हर जगह मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए भी अधिवक्ता को याद किया जाता है। अजमेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहन सिंह राठौड़ ने कहा कि एक अधिवक्ता ही जनसाधारण के वैधानिक और मौलिक अधिकारों के लिए न्यायालय से न्याय दिलवा सकता है। इस मौके पर अनेक अधिवक्तागण मौजूद रहे।...////...
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