06-Nov-2024 06:57 PM
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बेंगलुरु ,06 नवंबर (संवाददाता) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया कथित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि आवंटन घोटाले में पूछताछ के लिए बुधवार को मैसूर में लोकायुक्त पुलिस के समक्ष पेश हुए।
श्री सिद्दारमैया ने लोकायुक्त की स्वतंत्रता में अपने विश्वास की पुष्टि करते हुए चल रही जांच में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'लोकायुक्त सीबीआई की तरह एक स्वतंत्र एजेंसी है। मैंने पूछे गए सभी सवालों के जवाब दिए हैं और मेरे जवाब रिकॉर्ड किए गए हैं। वे दी गई जानकारी के आधार पर अपनी जांच जारी रखेंगे।
मुख्यमंत्री ने पत्नी पार्वती को लेकर विवाद पर भी प्रतिक्रिया दी।उन्होंने स्पष्ट किया, 'मेरी पत्नी ने उन भूखंडों को वापस कर दिया है क्योंकि मेरे खिलाफ आरोप हैं।'
विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री एच.के. पाटिल ने हुबली में श्री सिद्दारमैया का बचाव करते हुए उन्हें 'कानून का पालन करने वाला नागरिक' बताया है। श्री पाटिल ने कहा, 'मुख्यमंत्री कानून का सम्मान करते हैं और कानूनी मानकों को बनाए रखने में किसी से पीछे नहीं रहेंगे।'
सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री प्रियांक खरगे ने श्री सिद्दारमैया के इस्तीफे की मांग पर सवाल उठाते हुए कहा कि आरोप राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री को इस्तीफा क्यों देना चाहिए , राज्य भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ ईडी का मामला है और ईसीआर दर्ज है। क्या उन्होंने इस्तीफा दिया है, यह बहुत गंभीर अपराध है।' उन्होंने आरोपों को श्री सिद्दारमैया को निशाना बनाने का राजनीतिक रूप से प्रेरित प्रयास बताया।
उन्होंने मुख्यमंत्री के रुख को मजबूत करते हुए पारदर्शिता और कानून के साथ सहयोग के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को उजागर किया। श्री खरगे ने कहा, 'यह राजनीति से प्रेरित है, हर कोई इसे जानता है। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं और संवैधानिक संस्थाएं जो भी कहेंगी, वह करेंगे। उन्हें विश्वास है कि वह बेदाग निकलेंगे।'
उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने बेंगलुरु में विपक्ष की आलोचना को महज 'नाटक' करार दिया। उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री लोकायुक्त पुलिस के समक्ष पेश हुए और उनकी पूछताछ के लिए उपयुक्त जवाब दिए। भाजपा किसी के खिलाफ भी विरोध कर सकती है… यह सब नाटक है।...////...