कर्नाटक सरकार के पास सी.टी. रवि के खिलाफ पुख्ता ऑडियो और वीडियो सबूत: सिद्दारमैया
22-Dec-2024 05:59 PM 2702
कलबुर्गी, 22 दिसंबर (संवाददाता) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने रविवार को खुलासा किया कि उनकी सरकार के पास ऑडियो और वीडियो सबूत हैं, जो साबित करते हैं कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) सी.टी. रवि ने 19 दिसंबर को बेलगावी में शीतकालीन सत्र के दौरान कर्नाटक विधान परिषद में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बलकर के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। श्री सिद्दारमैया ने यहां मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग सहित पर्याप्त सबूत एकत्र किये हैं, जो दिखाते हैं कि श्री रवि ने सुश्री हेब्बलकर के खिलाफ अत्यधिक आक्रामक और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। कई एमएलसी इस अपमानजनक व्यवहार के गवाह थे। हम इसे एक अपराध मान रहे हैं और इसकी गहन जांच कर रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने श्री रवि की ओर से न्यायिक जांच की मांग पर हैरानी व्यक्त करते हुए सवाल किया, “अगर पहले से ही स्पष्ट सबूत मौजूद हैं, तो वह न्यायिक जांच की मांग क्यों कर रहे हैं? उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर मामले की जांच की जानी चाहिए और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।” शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन हुई इस घटना से कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और विपक्षी भाजपा के बीच राजनीतिक जंग तेज हो गयी है। श्री रवि और सुश्री हेब्बलकर के बीच मौखिक विवाद हुआ, जिसके बाद भाजपा नेता पर महिला मंत्री के साथ दुर्व्यवहार और अभद्र भाषा के इस्तेमाल करने के आरोप लगे। घटना के बाद श्री रवि को गिरफ्तार कर लिया गया और विधान परिषद में अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया हालांकि, इसके तुरंत बाद अदालत ने उन्हें जमानत दे दी, जिससे राजनीतिक हंगामा मच गया। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है और दावा किया है कि गिरफ्तारी उनके एक प्रमुख नेता पर लक्षित हमला है। अपने बचाव में, श्री रवि ने आरोपों से इनकार किया और जोर देकर कहा कि आरोप उनकी विश्वसनीयता को कम करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थे। उन्होंने घटना की न्यायिक जांच की मांग की, जिसने राजनीतिक टकराव को और बढ़ा दिया है। श्री सिद्दारमैया ने श्री रवि की न्यायिक जांच की मांग को खारिज करते हुए कहा कि सरकार तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “विधान परिषद में जो हुआ वह सिर्फ एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं थी, यह एक आपराधिक कृत्य था। कानून अपना काम करेगा।” इस घटना ने न केवल कर्नाटक के राजनीतिक हलकों में तीखी बहस छेड़ दी है, बल्कि जनता के विभिन्न वर्गों से भी प्रतिक्रियाएं आई हैं, जिनमें से कई ने निर्वाचित प्रतिनिधियों के आचरण पर निराशा व्यक्त की है। दूसरी ओर, भाजपा ने श्री रवि का समर्थन किया है और कांग्रेस पर राजनीतिक प्रतिशोध लेने तथा अपनी पार्टी के नेताओं की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है।...////...
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