जीएसटी से औसत अप्रत्यक्ष कर दर घटकर 12.2 प्रतिशत रह गयी: रिपोर्ट
25-Jun-2025 07:06 PM 5545
नयी दिल्ली 25 जून (संवाददाता) देश में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने से पहले औसत अप्रत्यक्ष कर दर 15 प्रतिशत थी जो जीएसटी लागू होने के बाद से लगातार कम हो रही है और मार्च 2023 तक यह घटकर 12.2 प्रतिशत रह गई। दुनिया की चार बड़ी अकाउंटिंग फर्मों में से एक डेलॉइट जीएसटी पर सालाना सर्वेक्षण करती है। इस वर्ष जीएसटी के आठ वर्ष पूरा करने पर भी यह सर्वेक्षण किया गया है और इसकी रिपोर्ट में यह बात कही गयी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 60 प्रतिशत उपभोक्ता वस्तुएँ अब 5 प्रतिशत या उससे कम कर स्लैब के अंतर्गत आती हैं, जबकि 3 प्रतिशत से कम वस्तुओं पर उच्चतम 28 प्रतिशत दर लागू होती है। आवश्यक वस्तुओं पर दरों में महत्वपूर्ण रूप से कमी देखी गई है। हेयर ऑयल और साबुन पर कर 28 प्रतिशत से कम होकर 18 प्रतिशत रह गया है। इलेक्ट्रिकल उपकरण पर यह 31.5 प्रतिशत से घटकर 12 प्रतिशत, खाद्य तेल, चीनी और अनाज पर यह 6 प्रतिशत या 2.5 प्रतिशत से कम होकर पांच प्रतिशत या शून्य रह गया है। रिपोर्ट के अनुसार लॉजिस्टिक्स में नाटकीय रूप से सुधार हुआ है। अब ट्रक पहले की तुलना में प्रतिदिन 44 प्रतिशत अधिक यात्रा करते हैं, और अंतरराज्यीय व्यापार वित्त वर्ष 22 में जीडीपी के 35 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो वित्त वर्ष 18 में 23.5 प्रतिशत था। इसबीच सूत्रों ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के एक अध्ययन में एक वर्ष में जीएसटी से प्रेरित कुल कर बचत 4.3 लाख करोड़ से अधिक बताई गई है। जीएसटी संघीय सहयोग का उदाहरण है। राज्यों के पास एसजीएसटी का 100 प्रतिशत, आईजीएसटी का लगभग 50 प्रतिशत जा रहा है और वित्त आयोग के हस्तांतरण के माध्यम से केंद्र के सीजीएसटी का 42 प्रतिशत हिस्सा मिल रहा है। जीएसटी संग्रह का 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा राज्यों को जाता है। सूत्रों ने कहा कि जीएसटी ने 17 से अधिक करों और 13 उपकरों को एकल बनाकर सामंजस्यपूर्ण प्रणाली से बदल दिया। इसने कर-पर-कर (कैस्केडिंग प्रभाव) को समाप्त कर दिया, सीमा चेक-पोस्ट को समाप्त कर दिया और अनुपालन प्रक्रियाओं में औपचारिकता और पारदर्शिता लाई। डेलॉइट ने मल्टीपल सेलेक्ट, सिंगल सेलेक्ट, रैंकिंग और ओपन-एंडेड प्रश्नों के मिश्रण का उपयोग करके आठ उद्योगों से 963 प्रतिक्रियाएँ प्राप्त कीं और उनका संकलन किया। इसमें जीएसटी कार्यान्वयन और सुधार पर 34 प्रश्न शामिल थे, जिसमें जीएसटी ढांचे के कई आयामों पर लक्षित प्रतिक्रियाएँ एकत्र की गईं। उत्तरदाताओं में से 29 प्रतिशत एमएसएमई (500 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर) थे। 34 प्रतिशत उत्तरदाता बड़ी कॉरपोरेट कंपनियां (500 करोड़ रुपये से 3000 करोड़ रुपये के बीच टर्नओवर) थे और 37 प्रतिशत उत्तरदाता बड़ी कॉरपोरेट कंपनियां (3000 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर) थे। कुल मिलाकर डेलॉइट अध्ययन में उद्योग के 85 प्रतिशत उत्तरदाताओं (एमएसएमई और बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों सहित) का आठ साल के जीएसटी सफर के दौरान सकारात्मक अनुभव रहा है। यह लगातार चौथा साल है जब सकारात्मक भावना बढ़ रही है, जो कर व्यवस्था के साथ निरंतर विश्वास और अनुकूलनशीलता को दर्शाता है। एमएसएमई की जीएसटी धारणा पिछले साल के 78 प्रतिशत से बढ़कर इस साल 82 प्रतिशत तक काफी बेहतर हुई है। उद्योग (एमएसएमई और बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों सहित) ने जीएसटी यात्रा पर सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा है, मुख्य रूप से अनुपालन के डिजिटलीकरण और सक्रिय कर नीति जुड़ाव के कारण। 2024 में 55 प्रतिशत से बढ़कर इस वर्ष 67 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने माना कि जीएसटी के तहत जारी किए गए स्पष्टीकरण और निर्देश जमीनी विवादों को सुलझाने में मदद करते हैं। लगभग 99 प्रतिशत व्यवसायों के पास जीएसटी ऑडिट और नोटिस के लिए आईटी सिस्टम तैयार या आंशिक रूप से तैयार हैं, जो मजबूत डिजिटल लचीलापन प्रदर्शित करता है। ई-इनवॉइसिंग डेटा का उपयोग करके रिटर्न का ऑटो-पॉपुलेशन जीएसटी पोर्टल की सबसे उपयोगकर्ता-अनुकूल सुविधा के रूप में उभरा, जो स्वचालित अनुपालन के लिए उद्योग की प्राथमिकता को दर्शाता है। रिपोर्ट में जीएसटी को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण बताया गया है जिसमें वैट की तुलना में जीएसटी कर प्रक्रियाओं को सरल और अधिक पारदर्शी बनाना , समग्र कर बोझ को कम करने के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के निर्बाध प्रवाह के माध्यम से मूल्य अनलॉक करना शामिल है जो वैट व्यवस्था के तहत उपलब्ध नहीं था। विरासत करों को शामिल करना, राज्य चेक पोस्ट को हटाना और आसान अनुपालन के लिए तकनीकी समाधान सक्षम बनाने की भी सराहना की गयी है। इसमें कहा गया है कि ई-वे बिल ने 'नाका'/चेकपॉइंट पर भ्रष्टाचार को कम करने में मदद किया है। राज्यों में प्रक्रियाओं का मानकीकरण, रिफंड में सुधार और जीएसटीएन के माध्यम से मजबूत सरकारी पोर्टल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना। उपयोगकर्ता के अनुकूल जीएसटी पोर्टल सुविधाओं में ई-इनवॉइसिंग डेटा के आधार पर रिटर्न की स्वत: गणना जीसटीएन पोर्टल से आसान सूचना पुनर्प्राप्ति और जीएसटी पंजीकरण स्थिति पर वास्तविक समय अपडेट शामिल हैं। जीएसटी ने विशेष रूप से अनुपालन डिजिटलीकरण के माध्यम से व्यावसायिक संचालन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। अध्यक्ष में शामिल उद्योगों का मानना है कि जीएसट के तहत बेहतर कर प्रबंधन के कारण राज्य की सीमाओं के पार उपभोक्ता वस्तुओं की आवाजाही का प्रबंधन परेशानी मुक्त हो गया है। दूसरे राज्यों में प्रवेश करना आसान हो गया है क्योंकि कर बाधाएं अब कोई मुद्दा नहीं हैं। अद्यतित ढांचे ने कर नियोजन को वित्तीय रणनीति में एकीकृत करना आसान बना दिया है। मौजूदा कर माहौल ने नई परियोजनाओं में निवेश करने और सतत विकास का समर्थन करने में सक्षम बनाया है।...////...
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