हिंदी भारतीय भाषाओं की सखी, विरोधी नहीं: शाह
26-Jun-2025 09:43 PM 3674
नयी दिल्ली, 26 जून (संवाददाता) गृहमंत्री अमित शाह ने हिंदी को भारतीय भाषाओं की सखी करार देते हुए कहा है कि देश की सभी भाषाओं को सशक्त बनाने की जरूरत है क्योंकि हमारी भाषाएं देश को जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है। श्री शाह ने गुरुवार को यहां राजभाषा विभाग के 'स्वर्ण जयंती समारोह' को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की विरोधी नहीं हो सकती। हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की सखी है और हिंदी तथा भारतीय भाषाएं मिलकर ही हमारे आत्मगौरव के उत्थान के कार्यक्रम को अंतिम लक्ष्य तक ले जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने इसी वर्ष भारतीय भाषा अनुभाग की स्थापना की है और यह अनुभाग हर राज्य को इस काम के लिए सहायता करेगा कि राज्यों और भारत सरकार का प्रशासन भारतीय भाषाओं के आधार पर ही हो। देश में 12 भाषाओं में तकनीकी शिक्षा की शुरूआत हुई है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश ने हिंदी में मेडिकल शिक्षा की शुरूआत की है, पूरा पाठ्यक्रम बनाया है औऱ आने वाले दिनों में अन्य राज्य भी भी मेडिकल शिक्षा का पूरा पाठ्यक्रम अपनी भाषाओं में तैयार कर बच्चों को सुविधा उपलब्ध कराएंगे। श्री शाह ने कहा कि कोई भी देश अपनी भाषा के बिना अपनी संस्कृति, साहित्य, इतिहास और सामाजिक संस्कार को चिरंजीव नहीं रख सकता। अपनी संस्कृति के आधार पर आत्मसम्मान के साथ आगे बढ़ने के लिए देश का शासन उसकी अपनी भाषाओं में होना चाहिए और इस महान उद्देश्य के साथ राजभाषा विभाग की शुरूआत हुई थी। राजभाषा की 50 वर्ष की यात्रा आज एक ऐसे मुकाम पर खड़ी है जब हमें इसे आगे ले जाने का प्रयास और पूरा रास्ता तय करना है। उनका कहना था कि राजभाषा विभाग की 50 साल की इस यात्रा को स्वर्णिम अक्षरों में अंकित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाषा सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं बल्कि राष्ट्र की आत्मा होती है। हमारी जड़ें, परंपराएं, इतिहास, पहचान और जीवन संस्कृति भाषा से कटकर आगे नहीं बढ़ सकते इसलिए भाषाओं को जीवंत रखना और समृद्ध करना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि हमें आने वाले दिनों में सभी भारतीय भाषाओं और विशेषकर राजभाषा के लिए ये सभी प्रयास करने चाहिएं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विगत 11 साल में एक भारत, श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम की शुरूआत की है और इसके तहत काशी-तमिल संगमम, काशी-तेलुगू संगमम, सौराष्ट्र-तमिल संगमम, शाश्वत मिथिला महोत्सव और भाषा संगम ने देश की एकता को मज़बूत करने का एक बहुत अच्छा मंच प्रदान किया है। भाषा संगमम की पहल पर हर स्कूल में छात्रों को बोलचाल के 100 वाक्य संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त 22 भाषाओं में सिखाने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है और यह पहल आने वाले दिनों में भारतीय भाषाओं की संजीवनी बन कर एक वट वृक्ष के रूप में आगे बढ़ेगी।...////...
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