10-Feb-2022 10:55 PM
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नयी दिल्ली 10 फरवरी (AGENCY) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, रोजगार की स्थिति सुधर रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ‘अमृत काल’ की तरफ बढ़ रहा है।
श्रीमती सीतारमण ने गुरूवार को केंद्रीय बजट 2022-23 पर लोकसभा में करीब 14 घंटे चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि देश में 2020-21 में 44 नई यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन वाली इकाइयां) बनी है जिनकी संख्या बढ़कर की 83 हो गई है। उनका कहना था कि यही ‘स्टार्ट अप’ है जो साफ संकेत देता है कि देश अमृत काल की तरफ बढ़ रहा है और ‘अमृतकाल’ की तरफ बढ़ने के लिए मोदी सरकार कई कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन के दौरान ‘अंधकाल’ था जबकि मोदी शासन में देश के हर घर में और हर गांव में बिजली पहुंची है। रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और सरकार वित्तीय समावेश के लिए और कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से ‘अमृतकाल’ की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण देश की अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के संकट में ज्यादा मजबूत रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया था लेकिन भारत में इस दौरान 80 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया जबकि 2008 की मंदी के दौरान एफडीआई का प्रवाह महज आठ अरब डॉलर था।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अमृत काल के लिए 25 साल का लक्ष्य रखा है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जिस तरह से कदम बढ़ाए जा रहे हैं, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जिस स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं उससे देश में प्रगति आएगी और देश के नागरिकों को कांग्रेस के दौर के अंधकाल के अनुभव से निकलकर मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के अमृत काल का सुखद अनुभव मिलेगा।
वित्त मंत्री ने भाषण के दौरान किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला किया जिसके कारण कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल के दौरान 2013 में डब्ल्यूटीओ में समझौता कर कांग्रेस ने किसानों के हितों को बंधक बना दिया था लेकिन मोदी सरकार ने 2017 में इन सारे समझौतों को खत्म कर किसानों के अधिकारों को बहाल किया। उनका कहना था कि लोगों को राहत मिले इसीलिए मोदी सरकार ने लगभग बेकार हो चुके 1500 कानूनों को हटाने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार छोटे कारोबार पर विशेष ध्यान दे रही है और इसी का परिणाम है कि बजट में छतरी बनाने वाले कारोबारियों के हितों के लिए आयात ड्यूटी बढ़ाई गई है। उनका कहना था कि देश में हर साल ढाई करोड़ से ज्यादा क्षत्रियों का आयात एक ही देश से किया जाता है। छतरी बनाने वाले कारोबारियों को राहत मिले और आत्मनिर्भर भारत की तरफ देश बढ़े इसलिए इस तरह के कई कदम उठाए गए हैं।
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