15-Dec-2021 07:32 PM
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नयी दिल्ली 15 दिसम्बर (AGENCY) राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने आज आरोप लगाया कि विपक्ष के पास जनहित से संबंधित कोई मुद्दा नहीं है और उसने संसद में कामकाज नहीं होने देने का मन बना लिया है।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि निलंबित सांसदों को सदन की कार्यवाही में शामिल होना है तो उन्हें माफी मांगनी ही होगी।
श्री गोयल ने बुधवार को संसद भवन परिसर में संवाददताओं के साथ बातचीत के बाद ट्वीट कर कहा , “ समस्या यह है कि विपक्ष के पास मुद्दे नहीं हैं और उन्होंने देश तथा जनता से जुड़े विषयों को सदन में न उठाने देने का मन बना लिया है। ”
उन्होंने कहा , “ सरकार की आलोचना करने के लिए सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले सभी सांसदों को राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए। ”
इससे पहले संवाददाताओं के साथ बातचीत में श्री गोयल ने कहा, “ बहुत दुर्भाग्य की बात है कि राज्यसभा में विपक्षी दल कार्यवाही को चलने नहीं दे रहे हैं और गलत प्रचार करने की कोशिश कर रहे हैं। सदन में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो, प्रश्नकाल में ज्वलंत विषयों पर सवाल पूछे जायें , शून्यकाल में जनता की आवाज उठायी जाये। आज लोकसभा में महंगाई पर तथा राज्यसभा में कोविड के नये संस्करण ओमीक्रोन पर चर्चा होनी थी लेकिन जो रवैया सदन में देखने को मिल रहा है उससे स्पष्ट है कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है और किसी समस्या को उठाने की उनकी कोई इच्छा नहीं है।”
उन्होंने कहा कि आसन का अपमान करने और सुरक्षाकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार पर विपक्षी सदस्यों को पश्चाताप नहीं है। यदि वे इसके लिए माफी मांगते हैं तो इसमें उन्हें अपमान महसूस नहीं करना चाहिए क्योंकि उन्होंने गलत काम किया है। उन्होंने कहा कि यदि ये सदस्य सदन की कार्यवाही में शामिल होना चाहते हैं तो उन्हें माफी मांगनी होगी और पश्चाताप करना होगा। इसके बाद उनका निलंबन वापस लेने के लिए सदन में प्रस्ताव लाया जा सकता है।
श्री गोयल ने कहा कि इन्हीं सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान की बाजी लगाकर 13 दिसम्बर को इस सदन की गरिमा को रखा था। लखीमपुर खीरी मुद्दे पर विपक्ष की चर्चा की मांग के बारे में उन्होंने कहा कि यह बेबुनियाद मांग है क्योंकि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर इस मामले में कार्रवाई की जा रही है और विचाराधीन मामले पर चर्चा नहीं होती ये संसद के नियम हैं। गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किये जाने पर उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय की जांच चल रही है तो इस तरह की मांग बेबुनियाद है। इस मामले में एसआईटी की रिपोर्ट पर चर्चा कराने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम विपक्ष के व्यवहार से निराश है कि वह सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रहा है और नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।...////...