उच्चत्तम न्यायालय के गोडावण क्षेत्र में विद्युत लाइनों को भूमिगत करने निर्देश
25-Apr-2022 10:55 PM 1564
जैसलमेर 25 अप्रैल (AGENCY) उच्चत्तम न्यायालय ने राजस्थान के राज्य पक्षी गोडावण की रक्षा के लिये जैसलमेर जिले में उसके विचरण करने वाले स्थानों एवं ओरण गोचर क्षेत्र जहां पर गोडावण बसते हैं, में से निकल रही ट्रांसमिशन विद्युत लाईनों को भूमिगत करने और बर्ड डाईवर्टर लगाने के निर्देश दिए है। न्यायालय के न्यायूर्ति डी.वाई. चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति ए एस बोपाना एवं न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमणियम की खंडपीठ ने डाॅक्टर एम के रणजीत सिंह द्वारा दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई करते हाल में यह निर्देश दिए। न्यायालय ने इस मामले में इससे पहले 19 अप्रैल 2021 को दिए गए न्यायालय के दिशानिर्देशों की पालना हो जिसमें कहा गया है कि गोडावण के निवास स्थानों को प्राथमिकता व अतिसंवेदनशील विस्तार और पोटेंशियल महत्व के विस्तार में विभाजित किया हैं। इन इलाकों में जानलेवा बिजली के सभी तारों को भूमिगत किया जाए और यह कार्य 19 अप्रैल 2022 तक होना था लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। तब तक इन तारों पर बर्ड डाईवर्टर लगाने की सूचना दी गई थी एवं इन इलाकों में कोई भी नई बिजली की लाईन जो जमीन से उपर जाती हैं उससे पहले न्यायलय द्वारा बनाई गई कमेटी की अनुमति लेने को कहा गया था। लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बावजूद पावर कंपनियों ने इन आदेशों की कोई पालना नहीं की तथा नई लाईनों को बिछाने का कार्य जारी रखा। न्यायालय ने गत 21 अप्रैल इस मामले की पुनः सुनवाई करते हुए अपने आदेश में लिखा हैं कि राजस्थान एवं गुजरात के प्राथमिकता गोडावण क्षेत्र एवं पोटेंशियल इलाकों में कोई भी नई पावर लाईन यदि जमीन से उपर लेकर जानी हैं तो उससे पहले न्यायालय द्वारा बनाई गई कमेटी की अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति के इन इलाकों में कोई भी नई पावर लाईन जमीन के उपर नहीं लगाई जा सकती। यदि इन इलाकों में खड़ी हाई वोल्टेज पावर लाईन (132 किलोवाट और उससे ज्यादा क्षमता) को भूमिगत ले जाने में कोई तकनीकी दुविधा हैं तो वह कंपनी न्यायालय द्वारा बनाई गई कमेटी को इस मामले में अनुमति देने का प्रस्ताव रख सकती है। और फिर कमेटी द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार कार्य करना होगा। आगामी तीन महीनों के अंदर राजस्थान एवं गुजरात के प्राथमिकता गोडावण इलाकों के सभी तारों पर बर्ड डाईवर्टर लगाने अनिवार्य है। इसकी रिपोर्ट नियत सुनवाई से दस दिन पहले न्यायालय में पेश करनी होगी। अगर आगामी पांच जुलाई तक इन तारों पर बर्ड डाईवर्टर नहीं लगते हैं तो इसकी सूचना मय सबूतों के कमेटी को भेजी जा सकती है। साथ ही यदि किसी भी इलाके में कोई नई लाईनें जमीन के उपर लग रही हैं तो इसकी जानकारी भी मय सबूतों के ईमेल के जरिये कमेटी को भेजी जा सकती है।...////...
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