04-Sep-2021 11:59 AM
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लालू प्रसाद की पार्टी राजद में दो भाईयों की कहानी दिलचस्प मोड़ पर है। पहले तो छोटे भाई तेजस्वी ने तेजप्रताप को अनुशासन और बड़ों के सम्मान की सीख दी। क्योंकि बड़े भाई तेजप्रताप ने राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को हिटलर कह दिया था। इसके बाद तेजप्रताप यादव ने गीता की जगह राष्ट्रकवि दिनकर की ओजस्वी रचना रश्मिरथी को उठा लिया था।
साथ ही कहा था-‘दो न्याय अगर तो आधा दो, पर, इसमें भी यदि बाधा हो,तो दे दो केवल पांच ग्राम, रक्खो अपनी धरती तमाम। हम वहीं खुशी से खायेंगे,परिजन पर असि न उठायेंगे!' अब तेज प्रताप यादव ने कहा है कि - ' हे अर्जुन ! मन अशांत है और इसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।'
अशांत मन को शांत करने का टिप्स
तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर तेजस्वी को सलाह दी है। तेज ने कृष्ण द्वारा अर्जुन को समझाते हुए फोटो भी पोस्ट किया है। यहां जान लें कि तेजप्रताप यादव अपने छोटे भाई को अर्जुन कहते रहे हैं और खुद को उनका सारथी कृष्ण। लालू प्रसाद के हस्तक्षेप के बाद राजद की राजनीति के कृष्ण और अर्जुन के बीच शीत युद्ध अभी बंद है लेकिन अशांत मन को शांत करने का टिप्स कृष्ण ने अर्जुन ने दिया है।
कुरुक्षेत्र में कृष्ण ने अर्जुन को कर्म का पाठ पठाया
एक दिन पहले तेज प्रताप ने वह फोटो शेयर किया था, जिसमें कृष्ण अपना भव्य रूप कुरुक्षेत्र में दिखा रहे हैं और अर्जुन घुटने मोड़कर हाथ जोड़ रहे हैं। तेज ने यह फोटे पोस्ट करते हुए लिखा था- ' फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है। '
रिश्ता खून का है, लेकिन राजनीति है..
रश्मिरथी के बाद अब गीता की उक्तियां कृष्ण अपने अर्जुन को लगातार सुना रहे हैं। शायद कृष्ण को मालूम है अंदर ही अंदर अर्जुन (तेजस्वी यादव) के अंदर कितनी उथल-पुथल है। रिश्ता खून का है लेकिन राजनीति है।
राजनीति में कुर्सी का रिश्ता कई बार बड़ा हो जाता है, महत्वाकंक्षा कई बार इतनी बड़ी हो जाती है कि बवंडर मचने लगता है। तेज प्रताप के उपदेशों से साफ है बवंडर जारी है। पहले वाले शीत युद्ध की स्थिति नहीं है बल्कि अब इशारों में सब बात है। अब उपदेश है बड़े भाई का।
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