03-May-2022 11:08 PM
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बेंगलुरु 03 मई (AGENCY) केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार उच्च शिक्षा में बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्रीय भाषाएं शिक्षा में क्रांति लाने में अहम भूमिका निभाएंगी।
श्री शाह ने मंगलवार को यहां नृपतुंगा रोड पर नृपतुंगा विश्वविद्यालय के उद्घाटन करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि युवा हमारे देश की दौलत हैं और अगर उन्हें भरपूर रोजगार दिया जाए, तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि देश विश्व में प्रगति की राह पर आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि ज्ञान दुनिया की सर्वोच्च शक्ति है जिसके बल पर देश के युवा असीमित सफलता प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आजादी के 75 साल होने पर केंद्र सरकार सभी छात्रों में देशभक्ति की भावना पैदा करने की इच्छा रखती है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले आठ सालों में 410 उच्च शिक्षा संस्थानों का स्थापित किया गया है जिनमें सात आईआईएम, 15 एम्स और छह केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं। उन्होंने कहा कि पहले पूर्वाेत्तर इलाके को नजरंदाज किया जाता था लेकिन भारतीय जनता पार्टी सरकार बनने के बाद सभी विकास के कामों में इस क्षेत्र को साथ में लेकर काम किया है। यहां तक कि शिक्षा के क्षेत्र में भी.लद्दाख में सिंधु यूनिवर्सिटी को स्थापित किया गया।
उन्होंने कहा कि लोगों को समय पर कर का भुगतान करना चाहिए, यातायात नियमों का पालन करना चाहिए और ईमानदार रहना चाहिए। इससे देश को प्रगति करने में मदद मिलेगी।
श्री शाह ने कहा कि बसवन्ना को सभी वर्गों के लोगों की भलाई के लिए उनकी शपथ से सशक्त बनाया गया था। हमें उनकी शांति और सद्भावना को अपनाने की जरूरत है।
श्री शाह ने कहा कि निरुपतुंगा विश्वविद्यालय आज शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर है। उन्होंने इस बात की सराहना की कि इन तीन वर्षों में देश भर में कई नए विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि बेल्लारी में आज नई क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला खोली गई, जो त्वरित सजा और न्याय को कायम रखने में मदद करेगी।
इस अवसर पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक का भविष्य शानदार है। यह बदलाव का पहाड़ है। देश के 46 प्रतिशत युवा हमारी संपत्ति हैं। हमारे राज्य को नई शिक्षा नीति अपनाने पर गर्व है। उन्होंने कहा कि 50 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित निरूपतुंगा विश्वविद्यालय शिक्षा, रोजगार और अधिकारिता प्रदान करेगा। महिलाओं की सुरक्षा के लिए 75 करोड़ रुपये की लागत से निर्भया योजना लागू की जा रही है।
कार्यक्रम में राज्य के उच्च शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. सी एन अश्वत्थ नारायण ने कहा कि नलवाड़ी कृष्णराजा वोडेयार द्वारा शुरू किया गया गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ साइंस आज एक बड़े विश्वविद्यालय के रूप में खड़ा है। इस विश्वविद्यालय का मिशन युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और छात्रों की भूख मिटाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। नई शिक्षा नीति छात्रों के लिए व्यापक शिक्षा प्राप्त करना संभव बनाती है। इससे छात्रों को अपनी प्रतिभा विकसित करने का मौका मिलेगा। राज्य में छह नए विश्वविद्यालय खोले गए हैं और सात और खोले जाएंगे। उन्होंने कहा,“हमारा उद्देश्य हर जिले में एक विश्वविद्यालय खोलना है।”
राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि बेल्लारी क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला पीड़ितों और पीड़ितों के परिवारों को न्याय दिलाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। कर्नाटक में ऐसी सात फोरेंसिक प्रयोगशालाएं हैं। राज्य ने केंद्र सरकार से आने वाले दिनों में 50 एकड़ पर विद्या विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए सहायता का अनुरोध किया है।
कार्यक्रम में केंद्रीय कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, सांसद पीसी मोहन, पुलिस मुख्य अधीक्षक प्रवीण सूद, कॉलेज एवं तकनीकी शिक्षा आयुक्त प्रदीप प्रदीप तथा नृपतुंगा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. श्रीनिवास एस.बेली सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।...////...