14-Apr-2022 11:54 PM
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जयपुर, 14 अप्रैल (AGENCY) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में आज जो हालात है उनमें हमें चिंतन और मनन करने एवं गांधी, पटेल और अम्बेडकर जैसे महापुरूषों की सोच और उनकी शिक्षाओं को दिल से आत्मसात करने की जरूरत बताते हुए कहा है कि सरकार में शामिल लोगों को अपनी शपथ याद रखते हुए संविधान की मूल भावना का निर्वहन करना चाहिए।
श्री गहलोत गुरूवार को बिड़ला सभागार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा राज्य स्तरीय डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संविधान की शपथ लेने वाले इसकी मूल भावना को आत्मसात करते हुए कानून की रक्षा करें, सभी के कल्याण की बात हो और हर धर्म दूसरे धर्म का सम्मान करे आज इसकी महती आवश्यकता है। सभी धर्मों के लोगों के साथ समान व्यवहार हो और उनके अधिकारों की रक्षा हो यह सुनिश्चित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संविधान देश की आत्मा है। सामाजिक समरसता एवं धर्म निरपेक्षता संविधान की मूल भावनाओं में शामिल है। बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने मानव मात्र के बीच जाति, धर्म और वर्ण के आधार पर भेदभाव नहीं करने का संदेश दिया। उनकी जयंती पर आज हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि सभी धर्माें एवं जातियों को साथ लेकर इस देश को एक व अखंड रखेंगे। उन्होंने कहा कि देश में सभी घृणा, नफरत एवं भेदभाव भुलाकर सद्भाव एवं भाईचारे के साथ रहें यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने बाबा साहब की 131वीं जयंती पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि डॉ. अम्बेडकर एक महान दार्शनिक, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और उन्होंने दलित एवं वंचित वर्गों को समाज की मुख्य धारा में लाने की बात कही थी।...////...