12-Jul-2025 10:24 PM
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कोटा 12 जुलाई (संवाददाता) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश के लिए भारतीय सिस्टम बनाकर उन्हें वैश्विक स्तर पर ले जाने की जरुरत बताते हुए कहा है कि अब देश किसी सैन्य आक्रमण से नहीं बल्कि विदेशी डिजिटल बुनियादी ढांचे पर निर्भरता से कमजोर और पराधीन होंगे और संप्रभुता की रक्षा का संघर्ष अब तकनीकी स्तर पर लड़ा जाएगा।
श्री धनखड़ शनिवार को यहां भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान कोटा के चौथे दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।उन्होंने तकनीकी नेतृत्व को नई राष्ट्रभक्ति का आधार बताते हुए कहा “हम एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं, एक नए राष्ट्रवाद के युग में। तकनीकी नेतृत्व अब देशभक्ति की नई सीमा रेखा है। हमें तकनीकी नेतृत्व में वैश्विक अगुवा बनना होगा।”
उन्होंने रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आयात-निर्भरता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा “यदि हम रक्षा के क्षेत्र में बाहर से तकनीकी उपकरण प्राप्त करते हैं, तो वह देश हमें ठहराव की स्थिति में ला सकता है।” डिजिटल युग में बदलती वैश्विक शक्ति संरचनाओं की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा “21वीं सदी का युद्धक्षेत्र अब भूमि या समुद्र नहीं है। पारंपरिक युद्ध अब अतीत की बात हो गई है। आज हमारी शक्ति और प्रभाव ‘कोड, क्लाउड और साइबर’ से तय होते हैं।”
डिजिटल क्षेत्र की चर्चा करते हुए श्री धनखड़ ने कहा “एक स्मार्ट ऐप जो ग्रामीण भारत में काम नहीं करता, वह पर्याप्त स्मार्ट नहीं है। एक एआई मॉडल जो क्षेत्रीय भाषाओं को नहीं समझता, वह अधूरा है। एक डिजिटल उपकरण जो दिव्यांगों को शामिल नहीं करता, वह अन्यायपूर्ण है।” उन्होंने युवाओं से स्थानीय समाधान को वैश्विक स्तर तक ले जाने का आह्वान करते हुए कहा “भारत के युवाओं को टेक्नोलॉजी की दुनिया के सजग संरक्षक बनना चाहिए। हमें भारत के लिए भारतीय प्रणालियां बनानी होंगी और उन्हें वैश्विक बनाना होगा।”
श्री धनखड़ ने डिजिटल आत्मनिर्भरता में भारत को अग्रणी बनाने का आह्वान करते हुए कहा “हमें अपनी डिजिटल नियति के निर्माता बनना होगा और अन्य देशों की नियति को भी प्रभावित करना होगा। हमारे कोडर, डेटा वैज्ञानिक, ब्लॉकचेन इनोवेटर और एआई इंजीनियर आज के राष्ट्र निर्माता हैं। भारत जो कभी वैश्विक अग्रणी था, अब केवल उधार की तकनीक का उपयोगकर्ता बनकर नहीं रह सकता। पहले हमें तकनीक के लिए वर्षों प्रतीक्षा करनी पड़ती थी। अब यह समय सप्ताहों में सिमट गया है। हमें तकनीक का निर्यातक बनना चाहिए।...////...