साहित्य किसी विचारधारा से बंधा नहीं होना चाहिएः पवार
22-Apr-2022 11:30 PM 8245
लातूर (महाराष्ट्र) 22 अप्रैल (AGENCY) देश में बढ़ रहे राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस)-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विचारधारा पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि साहित्य स्वतंत्र होना चाहिए और किसी विचारधारा से बंधा नहीं होना चाहिए क्योंकि यह अत्याचार को आमंत्रित करता है और लोकतंत्र के मूल आधार से समझौता करता है। यहां तीन दिवसीय 95वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में श्री पवार ने कहा,“विचारधारा का जन्म सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनेताओं के साहित्य से हुआ है।” उन्होंने कहा,“इसी विचारधारा से गांधीवाद, मार्क्सवाद, अम्बेदकरवाद, समाजवाद, राष्ट्रवाद आदि का जन्म हुआ।” उन्होंने कहा कि वर्तमान में परिदृश्य इससे अलग है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र को जगाने के लिए सही समय है। उन्होंने कहा,“इस तरह की प्रचार सामग्री अत्याचार को आमंत्रित करती है और अराजकता की ओर ले जाती है।” उन्होंने कहा कि हिटलर के प्रचार ने अपनी पुस्तक मीन काम्फ (माई स्ट्रगल) और अन्य चीजों के माध्यम से दुनिया को पहले ही इसका एक भयानक उदाहरण दिखाया है। श्री पवार ने कहा,“साहित्य मुक्त होना चाहिए, जिसका अर्थ है कि यह किसी विचारधारा से बंधा नहीं होना चाहिए।” उन्होंने कहा,“यह विभाजनकारी, ध्रुवीकरण, विषाक्त और राष्ट्रीय हित के लिए हानिकारक हो सकता है।...////...
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