30-Dec-2024 09:24 PM
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नयी दिल्ली 30 दिसम्बर (संवाददाता) रक्षा मंत्रालय ने डीआरडीओ-एआईपी प्रणाली के लिए एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (एआईपी) प्लग के निर्माण और भारतीय पनडुब्बियों पर इसके एकीकरण तथा कलवरी- श्रेणी पनडुब्बियों पर इलेक्ट्रॉनिक हैवी वेट टॉरपीडो (ईएचडब्ल्यूटी) के एकीकरण के लिए लगभग 2,867 करोड़ रुपये के दो अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं।
रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि दोनों अनुबंधों पर यहां रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। एआईपी प्लग के निर्माण और इसके एकीकरण का अनुबंध मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई के साथ लगभग 1,990 करोड़ रुपये का हुआ, जबकि डीआरडीओ द्वारा विकसित किए जा रहे ईएचडब्ल्यूटी के एकीकरण का अनुबंध नेवल ग्रुप, फ्रांस के साथ लगभग 877 करोड़ रुपये की लागत से किया गया। एआईपी तकनीक को डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया जा रहा है। एआईपी-प्लग के निर्माण और इसके एकीकरण से संबंधित परियोजना पारंपरिक पनडुब्बियों की शक्ति को बढ़ाएगी और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल में महत्वपूर्ण योगदान देगी। इससे लगभग तीन लाख मानव दिवसों का रोजगार सृजित होगा। ईएचडब्ल्यूटी का एकीकरण भारतीय नौसेना, डीआरडीओ और नौसेना समूह, फ्रांस का संयुक्त प्रयास होगा। इससे भारतीय नौसेना की कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों की मारक क्षमता में काफी वृद्धि होगी।...////...