26-Jul-2024 12:05 AM
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नयी दिल्ली, 25 जुलाई (संवाददाता) राष्ट्रीय राजधानी में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने गुरुवार को ‘पब्लिकॉन 2024’ का आयोजन किया।
फिक्की ने एक विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कार्यक्रम का विषय 'प्रकाशन के भविष्य को आकार दे रही तकनीक (प्रौद्योगिकी)' है।
इस दौरान, विभिन्न श्रेणियों के प्रकाशकों को 'फिक्की पब्लिशिंग अवार्ड' से सम्मानित किया गया।
विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) के पूर्व सचिव एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अखिलेश गुप्ता ने कहा, “ देश ओपन साइंस पॉलिसी को पूरी तरह से अपनाने की दिशा में बढ़ रहा है, जिसमें सीखने, अनुसंधान संसाधनों और डेटा का साझा करना शामिल है। सरकार ने पहले ही 'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' जैसी कई महत्वपूर्ण पहलें की हैं, जो ओपन एक्सेस को सुगम बनाने के लिये हैं।”
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अतिरिक्त महानिदेशक शुभा गुप्ता ने कहा, “इस साल का पब्लिकॉन थीम, 'प्रकाशन के भविष्य को आकार देने वाली तकनीक', अत्यधिक प्रासंगिक है और प्रकाशन उद्योग के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।”
संस्कृति मंत्रालय के राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के निदेशक डॉ. अनिर्बान दास ने कहा, “ देशभर में हस्तलिखित पांडुलिपियों के साथ हम चार प्रमुख चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इनमें पांडुलिपियों की विशाल मात्रा, पात्रों के लिए एक स्पष्ट दिशा की कमी और केवल कुछ लोगों के पास इन ग्रंथों को सही तरीके से संपादित करने के लिए आवश्यक कौशल है। और अंततः यह कार्य अत्यंत समय-साध्य है, जिसके कारण कई मूल्यवान पांडुलिपियाँ समय के साथ खो चुकी हैं। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए हमें इन पांडुलिपियों को प्रभावी ढंग से संभालने और संरक्षित करने के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों की आवश्यकता है।”
डीन और निदेशक, प्रो. (डॉ.) रमेश सी. गौर ने कहा, “ 21वीं सदी में डिजिटलीकरण पुस्तकालय 80 प्रतिशत और 20 प्रतिशत पारंपरिक तरीकों से बने हैं।...////...