पश्चिमी देश यूक्रेन की आड़ में रूस के खिलाफ कभी जीत नहीं पाएंगे: लावरोव
29-Jun-2025 07:21 PM 5628
माॅस्को, 29 जून (संवाददाता) रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रविवार को पश्चिमी देशों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे यूक्रेन को छद्म के रूप में इस्तेमाल करके रूस पर रणनीतिक जीत प्राप्त नहीं कर पाएंगे। सरकारी मीडिया एजेंसी ताश ने यह जानकारी दी । श्री लावरोव ने किर्गिस्तानी विदेश मंत्री जीनबेक कुलुबायेव के साथ अपनी बैठक के दौरान कहा, ‘’हमारे सभी क्षेत्रों में बहुत घनिष्ठ संबंध हैं और वर्तमान बहुत कठिन एवं मौलिक रूप से परिवर्तित अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में वे विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। जब हम अपने देश और सामूहिक पश्चिमी देशों के बीच एक अभूतपूर्व टकराव देख रहे हैं जिसने एक बार फिर हमारे खिलाफ युद्ध करने और कीव में नाजी शासन का उपयोग करके रूस को रणनीतिक रूप से पराजित करने का निर्णय लिया है। पश्चिम कभी ऐसा करने में सक्षम नहीं हुआ है और इस बार भी यह नहीं होगा और वे शायद इसे समझने लगे हैं।’’ उन्होंने कहा कि रूस युद्ध का समाधान करने के लिए ईमानदार प्रयास करने के लिए तैयार है लेकिन यह प्रयास व्यावहारिक और यथार्थवादी होना चाहिए । उन्होंने कहा “राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में कहा है कि हम यूक्रेनी संकट के न्यायोचित समाधान के लिए तैयार हैं लेकिन मैं जोर देकर कहना चाहुंगा कि रूस उन धोखाधड़ीपूर्ण तरीकों के लिए तैयार नहीं है जिन्हें कुछ यूरोपीय नेताओं हम पर थोप रहे हैं।’’ श्री लावरोव ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि दोनों नेताओं में सामान्य ज्ञान का अभाव है और वे यूरोप पर फ्रांस और जर्मनी का नियंत्रण पुनः स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। श्री लावरोव ने कहा,‘’हम यूरोपीय राजधानियों से आ रही आवाज़ों को देखकर और सुनकर आश्चर्यचकित हैं। मैक्रों और मर्ज़ ने हाल ही में एक संयुक्त लेख लिखा है कि साम्राज्यवादी मंसूबे रखने वाले मुख्य खतरे रूस से निपटने के लिए यूरोप को हथियारबंद होना होगा। इसने 2008 में जॉर्जिया में, 2014 में क्रीमिया और डोनबास में, 2022 में पूरे यूक्रेन में घुसपैठ की थी और राष्ट्रपति पुतिन का लक्ष्य यूरोपीय सुरक्षा को कमज़ोर करना है।’’ रूसी विदेश मंत्री ने कहा, ‘’मेरा मानना ​​है कि ये उद्धरण उस व्यक्ति के लिए पर्याप्त हैं जिसे यूरोप में हो रही घटनाओं की कुछ समझ है और जो घटनाओं पर नज़र रखता है कि ये लोग पूरी तरह से अपना सामान्य ज्ञान खो चुके हैं और खुलेआम उन दिनों की ओर लौटने की कोशिश कर रहे हैं जब फ्रांस और जर्मनी यूरोप, मुख्य रूप से रूसी साम्राज्य और सोवियत संघ पर विजय प्राप्त करना चाहते थे।...////...
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