पांचवें चरण की चार सीट पर परिवार की राजनीतिक विरासत आगे ले जाने के लिये उतरेंगे प्रत्याशी
17-May-2024 12:22 PM 1720
पटना, 17 मई (संवाददाता) बिहार में लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया गठबंधन) के प्रत्याशी चार सीट सारण, हाजीपुर (सु), मुजफ्फरपुर और मधुबनी में अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने के लिये चुनावी संग्राम में उतरेंगे। बिहार लोकसभा चुनाव में पांचवे चरण का मतदान 20 मई को सारण, हाजीपुर (सु) मुजफ्फरपुर, मधुबनी और सीतामढ़ी में होने जा रहा है। इनमें से सारण , हाजीपुर (सु), मुजफ्फरपुर और मधुबनी संसदीय सीट पर राजग और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने के लिये चुनावी मैदान में ताल ठोकेंगे। हाजीपुर (सु) सीट से पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिवंगत राम विलास पासवान के पुत्र जमुई के सांसद चिराग पासवान राजग में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के टिकट पर चुनावी संग्राम में उतरे हैं। हाजीपुर (सु) रामविलास पासवान का गढ़ रहा है। इस सीट से ही राम विलास पासवान ने वर्ष 1977 में अपने संसदीय सफर की शानदार शुरूआत की थी। राम विलास पासवान हाजीपुर सीट से आठ बार सांसद बने। वहीं उनके भाई पशुपति कुमार पारस भी वर्ष 2019 में सासंद बने थे। इस बार के चुनाव में चिराग पासवान जमुई सीट की जगह हाजीपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। वह हाजीपुर सीट से अपने परिवार की विरासत को आगे ले जाने के लिये तैयार हैं। हाजीपुर सीट पर उनका मुकाबला इंडिया गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी पूर्व मंत्री राजद प्रत्याशी शिवचंद्र राम से होगा। सारण संसदीय सीट राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव का गढ़ रहा है। छपरा (सारण) सीट से श्री यादव ने वर्ष 1977 में अपनी सियासी पारी की शानदार शुरूआत की थी। इसके बाद श्री यादव ने छपरा सीट पर वर्ष 1989, 2004 और सारण से 2009 में जीत हासिल की।पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव-राबड़ी देवी की पुत्री डॉ.रोहिणी आचार्य सारण सीट से राजद के टिकट पर अपनी सियासी पारी की शुरूआत करने जा रही है। डा. रोहिणी आचार्य अपने परिवार की विरासत को आगे ले जाने के लिये तैयार हैं।राजद प्रत्याशी डॉ.रोहिणी का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी और वर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूड़ी से होगा। मुजफ्फरपुर संसदीय सीट से कैप्टन जय नारायण निषाद ने 1996,1998,1999 और 2009 में जीत हासिल की थी। इसके बाद श्री निषाद के पुत्र अजय निषाद ने वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में भाजपा के टिकट पर मुजफ्फरपुर से जीत हासिल की।इस बार के चुनाव में भाजपा ने अजय निषाद को बेटिकट कर दिया है, जिससे नाराज होकर श्री निषाद ने भाजपा का साथ छोड़ इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस का ‘हाथ’ थाम लिया है और चुनावी संग्राम में उतर आये हैं। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा ने श्री निषाद की जगह राजभूषण निषाद को प्रत्याशी बनाया है। श्री राजभूषण वीआईपी छोड़ भाजपा में शामिल हुये हैं। वर्ष 2019 के चुनाव में श्री निषाद और श्री राजभूषण के बीच चुनावी टक्कर हुयी थी। इस बार के चुनाव में भी दोनों प्रतिद्धंदी आमने-सामने हैं। अजय निषाद भी अपने पिता कैप्टन जय नारायण निषाद की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने के लिये तैयार हैं। मधुबनी संसदीय सीट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री हुकुमदेव नारायण ने सर्वाधिक चार बार विजयी पताका लहरायी है। श्री यादव ने वर्ष 1977, 1999, 2009 और 2014 में मधुबनी से जीत हासिल की। इसके बाद श्री यादव के पुत्र अशोक कुमार यादव वर्ष 2019 में मधुबनी के सांसद बने। भाजपा प्रत्याशी अशोक यादव इस बार के चुनाव में भी मधुबनी से ताल ठोक रहे हैं। वहीं राजद ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी को चुनावी रणभूमि में उतारा है। श्री फातमी दरभंगा ससंदीय सीट पर चार बार सांसद रह चुके हैं। श्री अशोक यादव अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने के लिये चुनावी मैदान में डटे हैं।...////...
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