08-Apr-2022 07:38 PM
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चेन्नई 08 अप्रैल (AGENCY) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के 12 ,524 पंचायत गांवों में मनरेगा योजना के तहत परियोजना समन्वयक की नियुक्तियों में पूर्व कल्याण कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जायेगी।
विधानसभा में अन्नाद्रमुक सरकार के पूर्व मंत्री और मदुरई पश्चिम से विधायक सेल्लूर केराजू ने यह मामला उठाया जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित कई मामलों पर फैसला आने के बाद ही कुछ किया जा सकेगा लेकिन यह भी कहा कि अगर नियुक्तियां होती हैं तो उन्हें ग्राम पंचायत में अतिरिक्त जिम्मेदारियां दी जायेंगी और प्रतिमाह सात हजार रूपये भी दिया जायेगी साथ ही कहा कि पिछले दस वर्षों में मारे गये कल्याण कार्यकर्ताओं के सम्मान में जिला पंचायतों में समंवयक की नियुक्तियों में उनके वैध वारिसों को प्राथमिकता दी जायेगी।
गौरतलब है कि द्रमुक सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री एम करूणानिधि ने सितंबर 1989 में 12,617 ग्राम पंचायतों में 25,234 कल्याण कार्यकर्ताओं को नियुक्त किया था लेकिन 1991 में अन्नाद्रमुक ने सत्ता में आते ही इन नियुक्तियों को रद्द कर दिया था तब के बाद से सरकार बदलने के साथ ही कभी आदेश बहाल तो कभी रद्द होने का सिलसिला चलता रहा और अब मामला मद्रास उच्च न्यायालय के बाद उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
इन कार्यकर्ताओं की नियुक्ति को लेकर वर्षों पुरानी मांग को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण विकास विभाग ने इनके साथ बात की और अब सत्तारूढ़ द्रमुक सरकार ने नया फैसला किया है लेकिन यह भी उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद ही मूर्त रूप ले पायेगा।...////...