30-Jun-2025 11:31 PM
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मुंबई 30 जून (संवाददाता) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार ने छात्रों के हित को देखते हुए राज्य के स्कूलों में कक्षा -1 से हिंदी भाषा अनिवार्य करने के संबंध में जारी जीआर को रद्द करने का फैसला किया है। यह किसी पार्टी के हित में नहीं है।
श्री फडनवीस ने कहा,“हम किसी पार्टी के हित को नहीं देखेंगे। हम केवल महाराष्ट्र के छात्रों के हित को देखेंगे।” उन्होंने कहा कि सरकार ने यह तय करने के लिए एक समिति गठित की है कि राज्य में त्रिभाषा फार्मूला अपनाया जाए या नहीं और बताया कि समिति अब फैसला करेगी।
ठाकरे भाइयों के इस बयान पर कि यह मराठी लोगों की एकता का मामला है, श्री फडनवीस ने कहा कि जब श्री उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे तो उनके दाहिने हाथ माने जाने वाले एक नेता ने हिंदी को अनिवार्य बनाने की सिफारिश की थी और श्री ठाकरे ने उस रिपोर्ट को स्वीकार भी कर लिया था।
श्री फडनवीस ने दावा किया कि हिंदी को अनिवार्य बनाने का फैसला उनके कार्यकाल के दौरान लिया गया है। जब उनसे पूछा गया कि क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अलग-थलग पड़े ठाकरे चचेरे भाइयों - उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे को एक साथ आने से रोकने की कोशिश कर रही है तो श्री फडनवीस ने तंज कसते हुए कहा,“मैंने ठाकरे चचेरे भाइयों को एक साथ आने से रोकने के लिए कोई जीआर जारी नहीं किया। क्या मैंने दोनों नेताओं को एक साथ आने से रोका? मुझे परवाह नहीं है कि वे एक साथ आते हैं, क्रिकेट खेलते हैं, टेनिस खेलते हैं, डिनर करते हैं या कुछ भी करते हैं।” इस बीच, राज्य सरकार ने कक्षा-1 से राज्य के स्कूलों में हिंदी की अनिवार्य शिक्षा के संबंध में जारी किए गए दो जीआर को रद्द कर दिया है।...////...