जेट इंजन आपूर्ति के लिये जीई ने मांगा अप्रैल तक का समय, जुर्माने का विचार नहीं
29-Oct-2024 10:22 PM 8985
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (संवाददाता) भारत के लड़ाकू विमान तेजस के उन्नत संस्करण के लिये इंजनों की आपूर्ति के कार्यक्रम पर अनुबंध के अनुसार चलने में पिछड़ रही अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक्स (जीई) ने जेट इंजनों की डिलीवरी शुरू करने के लिये आगामी अप्रैल तक का समय मांगा है। तेजस मार्क-1ए के लिये उन्नत इंजनों की आपूर्ति शुरू करने में तब तक करीब दो साल की देरी हो चुकी होगी। अमेरिकी कंपनी को इंजन के कलपुर्जे मिलने में उसके आपूर्तिकर्ताओं की ओर से विलंब होने के कारण भारत को दिये जाने वाले उन्नत श्रेणी के उसके इंजनों का विनिर्माण प्रभावित हुआ है और इससे भारत में असहज स्थिति महसूस की जा रही है। जीई और भारत के सरकारी क्षेत्र की कंपनी हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बीच अगस्त 2021 में 99 लड़ाकू विमानों के लिये एफ-404 इंजनों की आपूर्ति का करार हुआ था। इस करार में प्रावधान है कि आपूर्ति में देरी होने पर जुर्माना लगाया जा सकता है। यहां शीर्ष सरकारी सूत्रों ने कहा कि जीई के खिलाफ फिलहाल विलंब के लिये जुर्माना लगाने का कोई विचार नहीं है। इससे पहले इस साल के शुरू में रक्षा मंत्रालय ने एचएएल के साथ और 83 तेजस विमानों की खरीद की 48 हजार करोड़ रुपये का सौदा किया था, जो उन्नत श्रेणी के तेजस मार्क-1ए के युद्धक विमान होंगे। जीई के साथ हुये समझौते के अनुसार उसे इन विमानों के लिये पिछले साल मार्च से इंजनों की आपूर्ति शुरू कर देनी चाहिये थी, लेकिन इसमें विलंब होता जा रहा है। सूत्रों के अनुसार कंपनी ने एचएएल से कहा है कि उसे आपूर्ति श्रृंखला के कारण अड़चनों का सामना करना पड़ रहा था, इसलिये उसे इंजनों की डिलीवरी में देरी हुई है, लेकिन कंपनी आगामी अप्रैल से डिलीवरी होने लगेगी। इस विलंब के कारण भारत के रक्षा प्रतिष्ठानों में असहजता का भाव बढ़ रहा है। यहां तक के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय रक्षा सलाहकार अजित डोभाल अमेरिका के अपने समकक्षों के साथ पिछले कुछ समय अलग-अलग बैठकों में विलंब के इस मुद्दे को उठा चुके हैं। सूत्रों ने कहा कि जीई से इंजन की आपूर्ति में देरी किसी दबाव, राजनीति या किसी अन्य मुद्दे के कारण नहीं है, बल्कि तकनीकी कारणों से कुछ देर हुई है। जीई ने एक कारण यह भी बताया है कि उसे इन इंजनों में लगने वाले कुछ कलपुर्जों की आपूर्ति दक्षिण कोरिया से होनी थी जिसमें देरी हुई है। तेजस मार्क-1ए देश में विकसित हल्के लड़ाकू विमान तेजस का उन्नत संस्करण है। वायुसेना को अपने युद्धक विमानों के बेड़े के विस्तार के लिये इन विमानों की सख्त जरूरत है।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - Khabar Baaz | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^