दतिया में थाना प्रभारी ने डैम में डूब रहे बच्चे को निकाला, ट्रेन के सामने से ट्रैक क्रॉस कर अस्पताल पहुंचाया; डॉक्टर बोले
09-Aug-2021 03:02 PM 5725
दतिया में पुलिस अफसर की बहादुरी से मासूम बच्चे की जान बच गई। बच्चा डैम में गिर गया था। थाना प्रभारी ने पहले उसे डैम से निकाला, फिर गोद में उठाकर दौड़ते हुए ट्रेन के सामने से ट्रैक पार कर अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल पहुंचने के बाद इलाज में जुटे डॉक्टर ने कहा कि अगर 5 मिनट की भी देरी हो जाती तो बच्चे की जान चली जाती। पूरी घटना का कुछ लोगों ने वीडियो बना लिया। घटना रविवार शाम की है। दतिया चिरूला डेरा निवासी 11 साल का हेमंत केवट अंगूरी नदी के किनारे बकरी चराने गया था। बकरी चलाते समय पैर फिसलने से वह अंगूरी नदी के डैम में गिर गया। जब हेमंत डूबने लगा तो वहां मौजूद कुछ लोगों की नजर उस पर पड़ी। उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचना दी। बच्चे के डैम में गिरने की सूचना मिलते ही चिरूला थाना प्रभारी गिरीश शर्मा पुलिस बल के साथ अंगूरी नदी डैम पर पहुंचे। बच्चा बार-बार पानी में डुबकी ले रहा था। डैम में डूब रहे बच्चे को थाना प्रभारी गिरीश शर्मा ने पुलिस बल की मदद से बाहर निकाला। इस दौरान हेमंत की सांस उखड़ रहीं थी। मुंह और नाक में पानी भर गया था। गिरीश शर्मा जैसे ही बच्चे को गोद में उठाकर अस्पताल ले जाने के लिए दौड़े, रास्ते में पड़ने वाला रेलवे फाटक बंद हो गया। अब गिरीश शर्मा के सामने चुनौती थी कि फाटक के दूसरी ओर पुलिस वाहन तक बच्चे को कैसे जल्दी से जल्दी पहुंचाया जाए। जान पर खेलकर बचाई मासूम की जान बच्चे की हालत देखकर गिरीश शर्मा ने ट्रेन के गुजरने का इंतजार न करना बेहतर समझा और जान की परवाह किए बिना ही फाटक के दूसरी ओर के लिए दौड़ लगा दी। इसके बाद दूसरी ओर पहले से तैयार पुलिस की गाड़ी से बच्चे को अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टर बोले- समय पर लाने से बची जान अस्पताल में बच्चे का तत्काल पुलिस ने ही इलाज शुरू कराया। डॉक्टरों ने तत्काल बच्चे के मुंह और नाक से पानी निकालकर ऑक्सीजन लगाई और उसकी जान बचाने में कामयाब रहे। डॉक्टरों का कहना था कि 5 मिनट की भी देरी हो जाती तो बच्चे की जान बचाना मुश्किल हो जाता। थाना प्रभारी की सोशल मीडिया पर तारीफ इस पूरे मामले का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हर कोई थाना प्रभारी गिरीश शर्मा की बहादुरी और समझदारी की तारीफ कर रहा है। थाना प्रभारी गिरीश शर्मा का कहना है कि यह मेरा फर्ज था, जो मैंने निभाया है। इसकी मुझे खुशी है कि मैं मासूम की जान बचा सका। gwalior..///..in-datia-the-station-in-charge-rescued-the-drowning-child-in-the-dam-crossed-the-track-from-the-front-of-the-train-and-took-him-to-the-hospital-the-doctor-said-310578
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