हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टा और शेल कंपनी की मेंटेनेबिलिटी मामले में हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, फैसला सुरक्षित
01-Jun-2022 10:36 PM 1671
रांची, 01 जून (AGENCY) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टा और शेल कंपनी मामले में बुधवार को झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में इस मामले की मेंटेनेबिलिटी पर सुनवाई हुई। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया लिया और अदालत ने 3 जून को फैसला सुनाने की तिथि निर्धारित की है। उच्च न्यायालय में प्रार्थी शिवशंकर शर्मा की जनहित याचिका 4290 की वैधता पर राज्य सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुख्यमंत्री की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पक्ष रखा। कपिल सिब्बल ने झारखंड हाईकोर्ट रूल 4ए और 4बी के तहत दलील देते हुए याचिका को तथ्यविहीन बताया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट रूल के हिसाब से याचिका तार्किक नहीं है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वर्ष 2013 में दायर दीवान इंद्रनील सिन्हा की याचिका को कोस्ट के साथ रद्द किया गया थ्ज्ञा, इसे ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट को इस याचिकाकर्ता की क्रेडिबिलिटी को देखना चाहिए। दूसरी तरफ सुनवाई प्रारंभ होने पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार ने अदालत में सप्लीमेंटरी दलील पेश करने की इजाजत मांगी, जिस पर कोर्ट ने कहा कि पहले मेनटेंएबिलिटी पर सुनवाई की जाएगी,साथ ही खंडपीठ ने मनरेगा घोटाले से जुड़ी अरुण दूबे की याचिका को इस सुनवाई से यह कहते हुए अलग कर दिया कि इसकी मेंटेंनएबिलिटी पहले से तय हो चुकी है और मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है। दूसरी तरफ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने याचिका निरस्त करने के पक्ष में याचिकाकर्ता के वकील राजीव कुमार के एक साक्षात्कार को भी प्रमुखता से उठाया। सुनवाई के दौरान अदालत ने कौटिल्य के अर्थशास्त्र की पंक्ति का हवाला देते हुए सरकार को राजधर्म याद दिलाया। इडी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता तुषार मेहता ने पक्ष रखा।...////...
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