गोयल का जी-7 व्यापार मंत्रियों से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत, भविष्योन्मुखी बनाने पर बल
17-Jul-2024 09:21 PM 8993
नयी दिल्ली, 17 जुलाई (संवाददाता) केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जी-7 व्यापार मंत्रियों की बैठक में भाग लिया और वैश्विक व्यापार संबंधों एवं आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कोविड19 तथा यूक्रेन संकट जैसी परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत और भरोसेमंद बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। श्री गोयल ने सम्मेलन में आए कई प्रमुख देशों के वाणिज्य मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से इस बारे में बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इटली के रेजियो कैलाब्रिया के विला सैन जियोवानी में आयोजित इस बैठक में श्री गोयल ने सम्मेलन में कोविड-19 महामारी, यूक्रेन-रूस संघर्ष और लाल सागर संकट का संदर्भ देते हुए संकट के समय में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं की मजबूती का विश्लेषण करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने जीवीसी मैपिंग के लिए जी-20 जेनेरिक फ्रेमवर्क, 14-सदस्यीय आईपीईएफ एसोसिएशन, ट्राईलेटरल सप्लाई चेन रेजिलिएंस इनिशिएटिव (एससीआरआई), और भारत-ईयू टीटीसी जैसे प्लेटफार्मों के तहत सुदृढ़ आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण हेतु विभिन्न देशों के प्रयासों पर जोर दिया। विज्ञप्ति के अनुसार उन्होंने आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने के लिए भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) सहित अमेरिका, जीसीसी देशों और यूरोपीय संघ जैसे रणनीतिक साझेदारों के साथ भारत की पहल पर चर्चा की और बाजार, वितरण प्रणाली एवं लॉजिस्टिक्स के साथ एकीकृत निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला के लिए मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में भारत के घरेलू उपायों पर प्रकाश डाला। श्री गोयल ने महत्वपूर्ण खनिजों, अर्धचालकों, फार्मास्यूटिकल और हरित ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने हेतु भरोसेमंद भागीदारों के बीच सहयोग का प्रस्ताव दिया और जी7 देशों एवं साझेदार देशों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे में निवेश, नवाचार और सुसंगत नियामक ढांचे की हिमायत की। उन्होंने मजबूत साझेदारी और सहयोग की आवश्यकता पर बल देते हुए, वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं पर 3सी यानी- कोविड, संघर्ष और जलवायु परिवर्तन - के प्रभाव का उल्लेख किया। उन्होंने वर्तमान वैश्विक संदर्भ को दर्शाने वाले 3 एफ - खंडित, नाजुक और अनिश्चितताओं से भरा - की अवधारणा भी प्रस्तुत की और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने हेतु निवेश, व्यापार, पर्यावरण और ऊर्जा संबंधी नीतियों के बीच व्यापक समन्वय का आग्रह किया। उन्होंने ऐसी सुदृढ़ आपूर्ति श्रृंखलाओं की आवश्यकता पर जोर दिया जो वर्तमान पीढ़ी के आगे भी बनी रहें। श्री गोयल ने इस सम्मेलन में आए कई देशों के व्यापार मंत्रियों के साथ अलग से उच्चस्तरीय द्विपक्षीय बैठकें कीं। श्री गोयल ने इटली के उप-प्रधानमंत्री तथा विदेश एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्री एंटोनियो तजानी के साथ चर्चा के दौरान, दोनों मंत्री द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश, औद्योगिक सह-उत्पादन तथा स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए। वह यूरोपीय आयोग के कार्यकारी उपाध्यक्ष वाल्डिस डोम्ब्रोवस्की, न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री टॉड मैक्ले और ब्रिटेन के व्यवसाय एवं व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स के साथ द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। श्री रेनॉल्ड्स को श्री गोयल ने मंत्री पद की बधाई दी और उनके साथ बातचीत में भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर चर्चा को आगे बढ़ाने की योजना पर भी विचार विमर्श किया गया। श्री गोयल ने जर्मनी के आर्थिक मामलों एवं जलवायु कार्रवाई के संघीय मंत्री डॉ. रॉबर्ट हैबेक के साथ बातचीत में बढ़ते भारत-जर्मन व्यापार एवं आर्थिक साझेदारी को और आगे बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा की। चर्चा आगामी अंतर-सरकारी परामर्श और दिल्ली में आयोजित जर्मन व्यवसायों के एशिया-प्रशांत सम्मेलन पर केन्द्रित रही।...////...
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