15-Sep-2021 02:27 PM
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मुरादाबाद जिला जेल की महिला बैरक में करीब 20 महिला बंदियों ने अपने हुनर का लोहा मनवाया है। महिला बंदी गाय के गोबर से लक्ष्मी गणेश की आकर्षक मूर्तियों के साथ ही दीपक, अगरबत्ती और कई अन्य चीजें बना रही हैं।
इन आकर्षक प्रतिमाओं के खरीदार घरेलू बाजार में तो हैं ही, अमेजन जैसी कंपनियों ने भी मूर्तियों के लिए ऑर्डर दिया है। अमेजन से ऑर्डर मिलने के बाद जेल प्रशासन उत्साहित है। सीनियर जेल सुपरिटेंडेंट डॉ.वीरेश राज शर्मा का कहना है कि अमेजन की ओर से ऑर्डर मिलने के बाद इस काम में जुटी महिला बंदी उत्साहित हैं।
मुस्लिम महिला बंदी भी बना रहीं मूर्तियां
सीनियर जेल सुपरिंटेंडेंट डॉ. वीरेश राज शर्मा ने बताया कि जिला जेल की महिला बैरक की करीब 20 बंदी मूर्ति निर्माण के काम में लगी हैं। इनमें मुस्लिम महिला बंदी भी हैं। उन्होंने बताया कि जेल में अलग - अगल मामलों में बंद रानी, पायल, रेनू, सत्यवती, दामिनी, मंजू, मोमीना, सोनम, कमरजहां, खुशमिना, सबीना आदि गाय के गोबर से मूर्तियां बनाने का काम कर रही हैं।
बंदियों का आर्थिक सहारा बन रहीं मूर्तियां
वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल में महिला बंदी गाय के गोबर से लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों के साथ ही दीपक, अगरबत्ती, धूपबत्ती आदि भी बना रही हैं। इससे बंदियों को दो फायदे हैं। एक तो उनका समय सकारात्मक कार्य में लग रहा है दूसरा मूर्तियों की बिक्री से आने वाले पैसे उनके खातों में जा रहे हैं। इससे बंदियों को आर्थिक मदद हो रही है।
NGO की मदद से शुरू किया काम
सीनियर जेल सुपरिंटेंडेंट ने बताया कि दिविज्ञा केयर वेलनेस फाउंडेशन की मदद से जेल में मूर्ति निर्माण का कार्य शुरू किया गया था। धीरे - धीरे बंदियों का हुनर रंग दिखाता गया। महिला बंदियों का हुनर सलाखों से बाहर पहुंचा तो अमेजन जैसी कंपनियों से भी प्रतिमाओं के आर्डर आने लगे।
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