29-Dec-2024 08:49 PM
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नयी दिल्ली/ अगरतला, 29 दिसंबर (संवाददाता) उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा नवीकरणीय विभाग के मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) त्रिपुरा में अनाज भंडार की अपनी क्षमता दो साल में दो गुना करेगा।
त्रिपुरा के दो दिन के दौरे पर गए श्री जोशी ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में भंडारण स्थान बढ़ाने के लिए एक निजी उद्यम गारंटी (पीईजी) योजना के तहत एफसीआई का लक्ष्य दो साल की अवधि में 70,000 टन की अतिरिक्त क्षमता का निर्माण करके त्रिपुरा में अपनी भंडारण क्षमता को दोगुना करना है।
श्री जोशी का दो दिवसीय दौरा रविवार को सम्पन्न हुआ। इस दौरान उन्होंने त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में दर्शन-पूजन किए और वहां लोगों के साथ रेडियो से प्रसारित प्रधानमंत्री मन की बात कार्यक्रम को सुना।
मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार श्री जोशी ने कहा कि आज भारत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 81 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध करा रहा है, जो यूरोपीय संघ की आबादी से दोगुना है। इस मुफ्त राशन योजना को 31 दिसंबर, 2028 तक बढ़ा दिया है।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में विकेंद्रीकृत खरीद मोड के तहत, त्रिपुरा राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत 360 करोड़ रुपये मूल्य का लगभग 1.2 लाख टन चावल खरीदा गया है, जिससे लगभग 94,000 किसान लाभान्वित हुए हैं। वर्ष 2023-24 में, त्रिपुरा में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत लगभग 1.75 लाख टन फोर्टिफाइड चावल उठाया/वितरित किया गया।
उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में ‘ एक देश एक राशन-कार्ड’ के तहत कुल पोर्टेबिलिटी ट्रांजेक्शन ( मूल स्थान से दूर राशन की खरीद) 18.74 लाख हैं और राज्य में राशन कार्डों को आधार से जोड़ने का काम शतप्रतिशत पूरा हो गया है।
देश में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा उपभोक्ता आयोगों को मजबूत बनाने की योजना लागू की जा रही है और इसके लिए त्रिपुरा राज्य को शुरू से अब तक कुल 3.65 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता जारी की गयी है।
श्री जोशी ने कहा कि केंद्रीय मंत्रालय उपभोक्ताओं के बीच अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अनुदान सहायता भी प्रदान करता है, जिसके तहत 2023-24 में त्रिपुरा को 40 लाख रुपये जारी किए गए।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए, मंत्री ने कहा कि देश की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 214 गीगावाट तक पहुंच गई है। भारत राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन, पीएम-कुसुम पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और सौर पीवी मॉड्यूल के लिए पीएलआई योजनाओं जैसी पहलों के साथ 2030 तक 500 गीगावाट क्षमता हासिल करने की राह पर है।
उन्होंने त्रिपुरा में पीएम सूर्य घर योजना के बारे में जन जागरूकता फैलाने के लिए पहल करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 200 यूनिट से अधिक उपयोग के लिए बिजली शुल्क लगभग पांच रुपये प्रति यूनिट है। इस योजना में नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की सब्सिडी और सात प्रतिशत पर रियायती ऋण के साथ, उपभोक्ता तुरंत पैसे बचाना शुरू कर सकते हैं।
श्री जोशी ने कहा कि त्रिपुरा डिस्कॉम के लिए बिजली खरीद की लागत पांच रुपये प्रति यूनिट से अधिक है, क्योंकि अधिकांश बिजली गैस आधारित संयंत्रों से आती है। सौर ऊर्जा स्थापित करने से इस उच्च लागत वाली ऊर्जा पर निर्भरता कम होगी और आरपीओ को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।
श्री जोशी ने इस क्षेत्र में राज्य सरकार की पहल की सराहना करते हुए कहा कि त्रिपुरा ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में अच्छी प्रगति की है। वर्ष 2018 से पहले, सौर ऊर्जा के माध्यम से कुल 2.5 मेगावाट बिजली पैदा की गई थी। पिछले 6.5 वर्षों में त्रिपुरा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने बिजली उत्पादन को 10 गुना बढ़ाकर 20.5 मेगावाट से अधिक कर दिया है।...////...