दिल्ली महापौर चुनाव: उपराज्यपाल कार्यालय को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
08-Feb-2023 04:00 PM 2231
नयी दिल्ली, 08 फरवरी (संवाददाता) उच्चतम न्यायालय ने महापौर चुनाव में नामांकित पार्षदों को मतदान के अधिकार की अनुमति देने को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी (आप) की याचिका बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय समेत अन्य को नोटिस जारी करके जवाब-तलब किया। मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने महापौर पद की उम्मीदवार शेली ओबेरॉय की याचिका पर उपराज्यपाल कार्यालय के अलावा दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के प्रो-टेम पीठासीन अधिकारी और एमसीडी आयुक्त के कार्यालयों को नोटिस जारी करके महापौर चुनाव कराने में देरी पर जवाब देने को कहा है। महापौर चुनाव में देरी के खिलाफ दायर याचिका में एक सप्ताह के भीतर नगर निगम सदन की बैठक बुलाने, महापौर का चुनाव पूरा होने तक सदन की कार्रवाई कार्यवाही स्थगित नहीं करने और यह घोषणा करने की मांग की गई है कि निगम के मनोनीत पार्षदों (सदस्यों) को महापौर चुनाव में मतदान का अधिकार नहीं हैं, आदि गुहार लगाई गई है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने याचिकाकर्ता का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, “हालांकि चुनाव दिसंबर, 2022 में होने थे, लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कि महापौर, उपमहापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव नहीं हुए हैं।” उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 243-आर का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली नगर निगम सदन के मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। उन सदस्यों को महापौर एवं अन्य पदों के चुनाव में मतदान करने की अनुमति देना असंवैधानिक है। दिल्ली नगर निगम सदन की बैठक छह फरवरी को तीसरी बार स्थगित कर दी गई थी। भारी हंगामे के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)और ‘आप’ के कई पार्षदों के बीच हाथापाई के बाद महापौर का चुनाव टाल दिया गया था। पिछले साल दिसंबर में हुए एमसीडी चुनाव हुए थे, जिसमें ‘आप’ ने 250 वार्डों में से 134 पर जीत दर्ज की थी। भाजपा को 104 वार्डों में जीत हासिल हुई थी।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - Khabar Baaz | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^