दक्षिण एमसीडी मांस की दुकानों के लिए लाइसेंस प्रक्रिया में संशोधन करेगा
04-Apr-2022 10:48 PM 6233
नयी दिल्ली, 04 अप्रैल (AGENCY) दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) जल्द ही मांस की दुकान के मालिकों के लिए एक नीति में बदलाव लाएगा, जिसके तहत दुकानों को लाइसेंस इस शर्त के साथ जारी किया जाएगा कि वे नवरात्रि की अवधि के दौरान अपना व्यवसाय बंद रखेंगे। मेयर मुकेश सूर्यन ने सोमवार को यूनीवार्ता को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, "हम कसाई और मांस की दुकानों को वाणिज्यिक लाइसेंस देने के लिए नीति में संशोधन करेंगे। नवरात्रि के नौ दिन के दौरान व्यावसायिक गतिविधियों को बंद रखने की शर्त लाइसेंस प्राप्त करने के लिए पहली आवश्यकता होगी।" श्री सूर्यन ने कहा कि यह शर्त केवल नवरात्रि के नौ दिन तक ही सीमित रहेगी, हालांकि उन्होंने यह भी संकेत दिया कि नगर निकाय अन्य हिंदू त्योहारों के दौरान भी बंद को लागू कर सकता है। मेयर ने कहा, "इस तरह के फैसले जनता से प्रस्ताव मिलने के बाद किए जाते हैं। अभी तक हमें ज्यादातर नवरात्रि के दौरान कच्चे मांस की दुकानों को बंद रखने के अनुरोध प्राप्त हुए हैं।" यह पूछे जाने पर कि क्या निर्णय लेने से पहले गैर-हिंदुओं या नौ दिन के त्योहार के दौरान मांस खाने वालों से सलाह ली गई थी, श्री सूर्यन ने कहा कि उन्हें सभी से अनुरोध प्राप्त हुए। मेयर ने सोमवार को दक्षिण दिल्ली नगर निगम को 11 अप्रैल को समाप्त होने वाले नवरात्रि उत्सव के शेष दिनों के लिए मांस की दुकानों को बंद करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश दिया। श्री सूर्यन ने कहा कि यह फैसला आम जनता की भावनाओं को देखते हुए लिया गया है और यह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। मेयर के अनुसार भारत में 95 प्रतिशत लोग नवरात्रि के दौरान मांस नहीं खाते हैं और यह सभी के कल्याण के लिए है कि नवरात्रि के दौरान मांस की दुकानें बंद रहें। उन्होंने कहा, "निर्णय केवल हिंदुओं के लिए नहीं है, भारत में 95 प्रतिशत लोग नवरात्रि के दौरान मांस नहीं खाते हैं, जबकि अधिकांश लोग प्याज और लहसुन के सेवन से भी बचते हैं।" यह पूछे जाने पर कि क्या निर्णय से पहले ईसाई समुदाय या मुस्लिम समुदाय से परामर्श किया गया था, जिनका रमजान का पवित्र महीने चल रहा है, श्री सूर्यन ने कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन दोहराया कि सभी ने नवरात्रि के दौरान मांस की दुकानों को बंद करने का समर्थन किया। दक्षिण एमसीडी के आयुक्त ज्ञानेश भारती को लिखे एक पत्र में मेयर ने कहा, "खुले में या मंदिरों के पास मांस बेचे जाने का दृश्य उन्हें (लोगों को) असहज करता है और उनके धार्मिक विश्वास और भावनाओं को प्रभावित करता है।" त्तरी दिल्ली नगर निगम के पूर्व मेयर जय प्रकाश ने निर्णय का समर्थन किया और कहा कि अन्य धर्मों के लोगों को बहुसंख्यक समुदाय की भावनाओं का सम्मान करने के निर्णय का स्वागत करना चाहिए। उन्होंने यूनीवार्ता से बातचीत में कहा, "अल्पसंख्यक समुदायों को फैसले का स्वागत करना चाहिए। उन्हें बहुसंख्यक समुदाय से सम्मान पाने के लिए उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।...////...
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