26-Jun-2025 11:25 PM
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कोलकाता 26 जून (संवाददाता) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत नए दिशा-निर्देशों की आलोचना की और अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव आयोग पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एजेंट के तौर पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इनका उद्देश्य 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले उनके राज्य को निशाना बनाना है।
सुश्री बनर्जी ने चुनाव आयोग के एकतरफा निर्णय लेने की आलोचना करते हुए कहा , “यह लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है। क्या 1987 से पहले पैदा हुए लोग भारतीय नागरिक नहीं हैं? भारत 1947 में स्वतंत्र हुआ। वर्ष 1987 और 2004 के बीच जन्म लिए लोगों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? मुझे समझ में नहीं आता। चुनाव आयोग राजनीतिक दलों से परामर्श किए बिना ऐसा नहीं कर सकता। हम संघीय ढांचे वाले लोकतांत्रिक देश में रहते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “यहां कोई भी राजनीतिक दल या निर्वाचित सरकार गुलाम नहीं है। क्या यह इसलिए किया जा रहा है ताकि युवा पीढ़ी वोट न दे सके? गरीब लोग अपने माता-पिता के दस्तावेज कैसे प्राप्त करेंगे? क्या यह छद्म एनआरसी है? क्या वे इसके माध्यम से एनआरसी लागू करने की कोशिश कर रहे हैं? उन्हें अपनी मंशा स्पष्ट रूप से बतानी चाहिए। क्या हमारे देश में यही हो रहा है।” उन्होंने सवालिया लहजे में कहा , “मैं आयोग से उचित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए मतदाता सूची को संशोधित करने का आग्रह करती हूं ताकि किसी भी मतदाता का नाम सूची से न छूटे। हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है।”
गौरतलब है कि 24 जून को चुनाव आयोग ने इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में मतदाता सूचियों के एसआईआर की घोषणा की। प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, मतदाताओं को अपनी जन्म तिथि और जन्म स्थान को सत्यापित करने के लिए जन्म प्रमाण पत्र या पासपोर्ट जैसे 11 स्वीकृत दस्तावेजों में से एक जमा करना आवश्यक है। एक जुलाई 1987 से पहले पैदा हुए लोगों को केवल अपने दस्तावेज देने की जरुरत है हालांकि एक जुलाई 1987 और दो दिसंबर 2004 के बीच जन्मे लोगों को एक माता-पिता के दस्तावेज भी जमा करने होंगे, जबकि दो दिसंबर 2004 के बाद जन्मे लोगों को माता-पिता दोनों के दस्तावेज देने होंगे। आयोग ने कहा कि बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) सटीक और अद्यतित मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे। इस संशोधन का लक्ष्य सभी पात्र मतदाताओं को शामिल करना, अपात्रों को हटाना और नामों को शामिल करने या हटाने में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।...////...