03-Oct-2024 10:06 PM
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पटना 03 अक्टूबर (संवाददाता) बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडे ने आज कहा कि राज्य में प्रमाणित बीज का दुगुना उत्पादन होगा और किसानों के उत्पादित गेहूं बीज का शत्-प्रतिशत क्रय विभाग करेगा।
श्री पांडे ने गुरुवार को यहां आयोजित प्रमाणित गेहूं बीज उत्पादन महाभियान कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य की सरकार किसानों को बीज से लेकर बाजार तक की हर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पूरी गंभीरता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बीज कृषि का मूल एवं महत्त्वपूर्ण घटक है।
कृषि मंत्री ने कहा कि गुणवत्तायुक्त बीजों के उपयोग से फसलों की 20 प्रतिशत तक अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है। कृषि विभाग द्वारा राज्य के अन्दर संकर बीज उत्पादन का कार्य इसी वर्ष शुरू किया जा रहा है ताकि किसानों को राज्य के अन्दर उत्पादित गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध कराया जा सके। इसी कड़ी में कृषि विभाग द्वारा प्रमाणित गेहूं बीज उत्पादन राज्य में बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। उन्हाेंने हा कि रबी, 2024-25 में राज्य में 3.50 लाख क्विंटल गेहूँ प्रमाणित बीज उत्पादन के लिए 21 जिलों को चिह्नित कर कार्य योजना बनाई गई है।
श्री पांडे ने कहा कि राज्य में बीज उत्पादन बढ़ने से किसानों को दो तरह का लाभ मिल सकेगा। पहला किसानों को अन्न उत्पादन से ज्यादा मूल्य बीज उत्पादन में प्राप्त होगा तथा दूसरा किसानों को राज्य के जलवायु परिवेश में उत्पादित प्रमाणित गेहूं बीज कम मूल्य पर प्राप्त हो सकेगा, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ करने में सहायता मिलेगी।
मंत्री ने कहा कि राज्य में प्रमाणित गेहूं बीज को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान पर आधार बीज की उपलब्धता बिहार राज्य बीज निगम के माध्यम से सुनिश्चित किया गया है। किसानों द्वारा उत्पादित प्रमाणित गेहूं बीज का बिहार राज्य बीज निगम द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य से 25 से 30 प्रतिशत अधिक मूल्य के साथ शत्-प्रतिशत क्रय किया जायेगा। प्रमाणित गेहूं बीज उत्पादन से सम्बद्ध किसानों को बीज उत्पादन तकनीक का प्रशिक्षण, उत्पादन रकवा का निबंधन एवं उत्पादित बीज का क्रय संबंधित सभी कार्यों के निष्पादन के लिए कृषि विभाग, बिहार राज्य बीज एवं जैविक प्रमाणन एजेंसी (बसोका) एवं बिहार राज्य बीज निगम के पदाधिकारी का दायित्व निर्धारित किया गया है तथा इसका अनुश्रवण उच्च स्तर पर करने की व्यवस्था की गई है।
श्री पांडे ने कहा कि राज्य में 8750 क्विंटल गेहूं का आधार बीज भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् तथा कृषि विश्वविद्यालयों से मंगाया जा रहा है तथा 6000 क्विंटल आधार बीज पूर्व से ही विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत मंगाया जाता रहा है। इस प्रकार अब राज्य 14,750 क्विंटल गेहूं का आधार बीज उपलब्ध होगा, जिसे किसानों को मुफ्त उपलब्ध कराया जायेगा। इस प्रकार 3.5 लाख क्विंटल बीज उत्पादन हो जायेगा जबकि राज्य में 12 लाख क्विंटल गेहूं बीज की जरूरत है।
मंत्री ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में बिहार बीज उत्पादन में आत्म निर्भर हो जायेगा तथा दूसरे राज्यों को भी गेहूं बीज उपलब्ध कराने में सक्षम हो जायेगा। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। गेहूं बीज के प्रसंस्करण एवं भंडारण की व्यवस्था कर ली गई है। उन्होंने बताया कि ये आधार बीज अच्छी गुणवत्तावाले हैं इसलिए इसकी देखभाल उतनी ही आवश्यक है। इसके लिए तकनीकी सहायता मुहैया करायी जायेगी।
श्री पांडे ने कहा कि इस रबी सीजन में राज्य के 21 जिलों को प्रमाणित गेहूं बीज के लिए चिह्नित किया गया है, जिसमें से 15 जिलों पूर्वी चम्पारण, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली, गोपालगंज, सिवान, शेखपुरा, भोजपुर, अरवल, जमुई, बांका, मुंगेर, मधुबनी, सारण एवं सीतामढ़ी में गेहूं बीज उत्पादन कार्य सामान्य किसानों के माध्यम से एवं छह जिलों दरभंगा, बक्सर, नवादा, जहानाबाद, पटना एवं लखीसराय कृषक उत्पादक संघ (एफपीओ) के माध्यम से किया जायेगा। सभी चिह्नित जिलों में गेहूं आच्छादन लक्ष्य, आधार बीज की आवश्यकता एवं अनुमानित उपज का लक्ष्य का निर्धारण किया गया है। इन जिलों में गेहूं बीज उत्पादन के लिए क्रियान्वयन एजेंसी सहायक निदेशक (शस्य), प्रक्षेत्र को एवं एफपीओ संबंधित जिलों में क्रियान्वयन एजेंसी एफपीओ को बनाया गया है।...////...