02-Apr-2023 11:12 PM
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नयी दिल्ली 02 अप्रैल (संवाददाता) भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान माल ढुलाई, विद्युतीकरण, नयी लाइनें /दोहरीकरण/आमान परिवर्तन और लोको उत्पादन के साथ ही सुरक्षा प्रौद्योगिकी के एकीकरण सहित विभिन्न श्रेणियों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं।
रेल मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2022-23 में एक अरब 51 करोड़ 20 लाख टन माल ढुलाई का रिकार्ड बनाया है जो पिछले वर्ष के एक अरब 41 करोड़ 80 लाख टन की तुलना में 6.63 फीसदी अधिक है। यह किसी एक वित्त वर्ष में अब तक की सर्वाधिक माल ढुलाई है। भारतीय रेलवे ने 2021-22 के 1.91 लाख करोड़ रुपये की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 27.75 प्रतिशत अधिक यानी 2.44 लाख करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया है।
भारतीय रेलवे ने ‘हंग्री फॉर कार्गो’ के मूलमंत्र को अपनाते हुए ‘कारोबार करने में आसानी’ के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी दरों पर सेवा उपलब्धता को बेहतर करने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप पारंपरिक और गैर-पारंपरिक कमोडिटी दोनों से ही जुड़ा नया व्यवसाय रेलवे को प्राप्त हो रहा है। व्यवसाय विकास इकाइयों के ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण एवं कार्यकलापों के साथ-साथ अत्यंत प्रभावकारी नीति निर्माण से रेलवे को यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने में काफी मदद मिली है।
भारतीय रेलवे माल ढुलाई में अपनी मॉडल हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे ‘गति शक्ति फ्रेट टर्मिनलों’ के विकास को प्राथमिकता दे रही है। वित्त वर्ष 2021-22 के 21 फ्रेट टर्मिनलों की तुलना में 2022-23 की अवधि में 30 फ्रेट टर्मिनल बनाये गये।
विज्ञप्ति में बताया गया है कि भारतीय रेलवे ‘मिशन 100 प्रतिशत विद्युतीकरण’ को पूरा करने की दिशा में तेजी से अग्रसर है और इसकी बदौलत दुनिया में सबसे बड़ा हरित रेलवे नेटवर्क बन गया है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 6,542 आरकेएम का रिकॉर्ड विद्युतीकरण किया गया है जो पिछले वर्ष के 6,366 आरकेएम की तुलना में 2.76 फीसदी अधिक रहा। नयी लाइनें बिछाने/दोहरीकरण/आमान परिवर्तन) के मामले में पिछले वित्तीय वर्ष के 2909 किलोमीटर के मुकाबले 2022-23 के दौरान 5243 किलोमीटर की कमीशनिंग हासिल की गयी है। भारतीय रेलवे के मौजूदा उच्च घनत्व या यातायात वाले मार्गों पर और भी अधिक ट्रेनें चलाने हेतु लाइन क्षमता बढ़ाने के लिए ‘स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग’ एक किफायती समाधान या व्यतवस्थाल है। इसके तहत इस वर्ष स्वचालित सिग्नलिंग के जरिए 530 किलोमीटर का उन्नयन किया है, जोक पिछले वर्ष के 218 किलोमीटर की तुलना में 143.12 फीसदी अधिक है। ये भारतीय रेलवे के इतिहास में स्वचालित सिग्नलिंग में हासिल किए गए सर्वश्रेष्ठ आंकड़े हैं।
डिजिटली इंटरलॉक्ड स्टेशन (इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग) तकनीक के अंतर्गत पुराने लीवर फ्रेम से लेकर कंप्यूटर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम तक में बड़ी संख्या में डिजिटली इंटरलॉक्ड स्टेशन बनाये गये हैं। ट्रेनों के परिचालन में डिजिटल प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को अपनाया जा रहा है। इस साल 538 स्टेशनों में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्अम शुरू किया गया जबकि पिछले वर्ष 421 स्टेशनों में इसे अपनाया गया था।
विज्ञप्ति के मुताबिक सड़कों पर बनी पटरियों को पार करने में जनता की सहूलियत के लिए बीते वित्त वर्ष में 1065 फ्लाईओवर/अंडरपास सुलभ कराये गये। वहीं यात्रियों/पैदल यात्रियों को क्रॉस करने में सहूलियत के लिए 375 एफओबी का निर्माण किया गया। समपार फाटकों (लेवल क्रॉसिंग या एलसी गेट) पर लोगों की सुरक्षा की चिंता के मद्देनजर इस वित्तीय वर्ष में 880 समपार फाटकों को हटाया गया।
‘सुगम्य भारत अभियान’ के तहत भारतीय रेलवे प्लेटफॉर्मो पर दिव्यांगजनों, वृद्धों और बच्चों की आवाजाही को सुगम्य8 बनाने के लिए देश भर में रेलवे स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर लगा रही है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 215 लिफ्ट और 184 एस्केलेटर लगाये गये हैं।
भारतीय रेलवे स्क्रैप सामग्री जुटाकर और ई-नीलामी के माध्यम से इसकी बिक्री करके संसाधनों का बेहतर उपयोग करने के लिए हरसंभव प्रयास करती है। इन्हीं प्रयासों के तहत पिछले वित्त वर्ष 2021-22 के 5316 करोड़ रुपये की तुलना में विर्ष वर्ष 2022-23 के दौरान 5736 करोड़ रुपये की स्क्रैप बिक्री की गयी।...////...