27-Jun-2025 10:56 PM
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नयी दिल्ली, 27 जून (संवाददाता) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल श्रीलंका द्वारा भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किए जाने के लगातार मुद्दे के लिए जिम्मेदार है।
आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में विदेश मंत्रालय ने कहा कि उस समय भारत और श्रीलंका के बीच एक समझौता हुआ था जिसमें श्रीलंका के जल क्षेत्र के कुछ क्षेत्रों में मछली पकड़ने के भारतीय मछुआरों के अधिकार को छोड़ दिया गया था।
उन्होंने कहा, “आपातकाल के दौरान कभी-कभी बिना किसी बहस के बड़े फैसले लिए जाते थे।आज एक बड़े मुद्दे पर बात की जा रही है - कि हमारे मछुआरों को श्रीलंका में गिरफ्तार किया गया है। क्या आप इसका कारण जानते हैं? इसका कारण यह है कि आपातकाल के दौरान श्रीलंका के साथ एक समझौता हुआ था जिसमें श्रीलंका के जल के कुछ क्षेत्रों में मछुआरों के मछली पकड़ने के अधिकार थे, जिसे हमने छोड़ दिया था।”
डॉ जयशंकर ने कहा, “अगर कोई आपातकाल नहीं होता, और अगर कोई संसद होती, वास्तव में एक वास्तविक संसद होती, तो इस मुद्दे पर बहस होती। मुझे नहीं पता कि उस समय संसद इस तरह के फैसले पर सहमत हुई होगी या नहीं।” उन्होंने कहा कि इस फैसले के परिणाम तमिलनाडु में अभी भी दिखाई दे रहे हैं।
विदेश मंत्री 1974 और 1976 में कच्छतिवू द्वीप पर भारत और श्रीलंका के बीच हुए समझौतों और उनके संबंधित विशेष आर्थिक क्षेत्र क्षेत्रों पर अधिकारों का उल्लेख कर रहे थे। एक निर्जन द्वीप कच्छतिवू को 1974 में एक समुद्री समझौते के तहत श्रीलंका को सौंप दिया गया था।
वर्ष 1976 में एक अन्य समझौते पर हस्ताक्षर किए गए - जब आपातकाल चल रहा था - जिसने दोनों देशों के मछुआरों को एक दूसरे के विशेष आर्थिक क्षेत्रों में मछली पकड़ने से प्रतिबंधित कर दिया था।
विदेश मंत्री ने लोगों से इतिहास को दोहराए जाने के खिलाफ सतर्क रहने का आग्रह किया और कहा कि भारत को भविष्य में इस तरह के निरंकुश निर्णयों से बचने के लिए एक सशक्त जनता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को आपातकाल लागू होने पर दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत की छवि पर भारी असर पड़ा। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रावासों में पुलिस की छापामारी के अपने अनुभवों को भी याद किया।...////...