भारत ने दुनिया को संकट में दिया ‘आशा का बुके’ जिसमें लगे हैं लोकतंत्र, प्रतिभा और प्रौद्योगिकी के पुष्प: मोदी
17-Jan-2022 11:15 PM 7745
नयी दिल्ली, 17 जनवरी (AGENCY) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिभा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत की शक्ति की ओर विश्व का ध्यान आकषित करते हुए सोमवार को कहा कि भारत ने कोरोना के संकटकाल में दुनिया को लोकतंत्र के प्रति अटूट विश्वास, नयी प्रौद्योगिकी और प्रतिभा के रूप में ‘आशा का उपहार’ दिया है। श्री मोदी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से स्विट्जरलैंड के डावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के संम्मेलन को ‘विश्व अर्थव्यवस्था की स्थित ’ संबोधित कर रहे थे। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, मुद्रा स्फीति, स्वास्थ्य और क्रिप्टोकरेंसी जैसे मुद्दों पर सभी देशों के बीच तालमेल की आवश्यकता पर बल देते हुए बहुपक्षीय वैश्विक संस्थाओं में सुधार कर के उनको भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने का भी आह्वान किया। श्री मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को विश्वसनीय बनाने में सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है जो इस समय बाधित हो गयी है। उन्होंने जीवन शैली में बदलाव तथा पुनर्चक्रण पर आधारित अर्थव्यवस्था कायम करने की जरूरत पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा , "भारत जैसी मजबूत डेमोक्रेसी ने पूरे विश्व को एक खूबसूरत उपहार दिया है, आशा का बुके (पुष्प गुच्छ) दिया है। इस बुके में में है, हम भारतीयों का डेमोक्रेसी पर अटूट विश्वासइस बुके में है। 21वीं सदी सशक्त बनाने वाली वाली प्रौद्योगकी , इस बुके में है, हम भारतीयों की सोच , हम भारतीयों की प्रतिभा।" उन्होंने कहा कि कोरोना के इस समय में हमने देखा है कि कैसे भारत ‘एक धरती , एक स्वास्थ्य ’ के दर्शन पर चलते हुए, अनेकों देशों को जरूरी दवाइयां देकर, वैक्सीन देकर, करोड़ों जीवन बचा रहा है। आज भारत दुनिया में दवाइयों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, दुनिया की फार्मेसी कहा जता है। उन्होंने कहा कि आज भारत, दुनिया में रिकॉर्ड साफ्टवेयर इंजीनियर भेज रहा है। 50 लाख से ज्यादा साफ्टवेयर डेवलपर भारत में काम कर रहे हैं। आज भारत में दुनिया में तीसरे नंबर के सबसे ज्यादा यूनीकार्न हैं। इमें 10 हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप्स पिछले 6 महीने में रजिस्टर हुए हैं। श्री मोदी ने डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश की प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भारत के पास विश्व का बड़ा, सुरक्षित और सफल डिजिटल प्लेटफार्म है। सिर्फ पिछले महीने की ही बात करूं तो भारत में यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से 4.4 अरब लेन-देनहुए हैं।आज भारत कारोबार में सुगमत को बढ़ावा दे रहा है, सरकार के दखल को कम से कम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने वैश्विक निवेशकों को भरोसा दिलाया कि आज भारत वर्तमान के साथ ही अगले 25 वर्षों के लक्ष्य को लेकर नीतियां बना रहा है, निर्णय ले रहा है। इस कालखंड में भारत ने वृद्धि और स्वास्थ्य की सबको सुविधा पहुंचाने के लक्ष्य रखे हैं। उच्च वृद्धि का यह काल खंड हरा-भरा भी होगा, स्वच्छ भी होगा, स्वस्थ भी होगा, भरोसेमंद भी होगा। उन्होंने कहा हमें ये मानना होगा कि हमारी जीवन शैली भी जलवायु के के लिए बड़ी चुनौती है। मिशन लाइफ यानी पर्यावरण अनुकूल जीवन को वैश्विक जन आंदोलन बनना ज़रूरी है। जैसे जनभागीदारी के अभियान को हम घरती मित्र जनता ’ का एक बड़ा आधार भी बना सकते हैं उन्होंने कहा कि आज विश्व व्यवस्था में बदलाव के साथ ही एक वैश्विक परिवार के तौर पर हम जिन चुनौतियों का सामना करते रहे हैं, वो भी बढ़ रही हैं। इनसे मुकाबला करने के लिए हर देश, हर वैश्विक एजेंसी द्वारा सामूहिक और ताल-मेल की जरूरत है प्रधानमंत्री ने कहा, “ यह आपूर्ति श्रंखला की रुकावटें, मुद्रास्फीति और जलवायु परिवर्तन इन्हीं के उदाहरण हैं। एक और उदाहरण है- क्रिप्टोकरेंसी का। जिस तरह की टेक्नोलॉजी इससे जुड़ी है, उसमें किसी एक देश द्वारा लिए गए फैसले, इसकी चुनौतियों से निपटने में अपर्याप्त होंगे। हमें एक समान सोच रखनी होगी” उन्होंने कहा कि आज वैश्विक परिदृष्य को देखते हुए, सवाल ये भी है कि संगठन , नए विश्व, नई चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं? जब ये संस्थाएं बनी थीं, तो स्थितियां कुछ और थीं। आज परिस्थितियां कुछ और हैं। इसलिए हर लोकतांत्रित देश का ये दायित्व है कि इन संस्थाओं में सुधार पर बल दे,ताकि इन्हें वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाया जा सके प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अपने कंपनी कर की दरों को सरल करके, कम करके, उसे दुनिया में सबसे प्रतिस्पर्धी बनाया है। उन्होंने कहा बीते साल ही हमने 25 हज़ार से ज्यादा अनुपालन की औपचारिकताएं घटाईं हैं। उन्होंने कहा कि भारतीयों में नई प्रौद्योगिकी को अपनाने की क्षमता और उद्यमशीलता हमारे हर हर वैश्विक भागीदार को को नई ऊर्जा दे सकती है। इसलिए भारत में निवेश का ये सबसे अच्छा अवसर है। भारतीय युवाओं में आज उद्यमिता एक नई ऊंचाई पर है। वर्ष 2014 में जहां भारत में कुछ सौ रजिस्टर्ड स्टार्टअप थे। वहीं आज इनकी संख्या 60 हजार के पार हो चुकी है। इसमें भी 80 से ज्यादा यूनिकॉर्न्स हैं, जिसमें से 40 से ज्यादा तो 2021 में ही बने हैं। आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलते हुए भारत का फोकस सिर्फ प्रक्रियाओं को आसान करने पर ही नहीं है, बल्कि निवेश और उत्पादन को प्रोत्साहित करने पर भी है। सरकार ने इसी सोच से 14 क्षेत्रों में 26 अरब डॉलर की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाएं लागू की हैं।...////...
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