07-Jan-2024 09:55 PM
5952
ढाका, 07 जनवरी (संवाददाता) बंगलादेश की 12वीं संसद के चुनाव में रविवार को लगभग 40 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
मुख्य चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अवल ने यह जानकारी दी। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अंतिम गिनती के बाद मतदान प्रतिशत में और वृद्धि होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि कुछ अनियमितताएं और हिंसा की घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण तथा लोकतांत्रिक माहौल में हुए।
अधिकारी के मुताबिक नतीजे आधी रात या उससे पहले घोषित किए जाएंगे। देश भर में 42,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर लगभग 12 करोड़ नागरिकों को वोट देने का अधिकार था। सीधे तौर पर निर्वाचित 300 संसदीय क्षेत्रों में से 299 के लिए लगभग 2,000 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। एक उम्मीदवार की मृत्यु के कारण पिछले सप्ताह एक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव स्थगित कर दिया गया था।
बंगलादेश में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 151 सीटें हासिल करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी 2009 में भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई और 2014 में अपना दूसरा कार्यकाल और 2018 में तीसरा कार्यकाल जीता। अब पार्टी की नजर चौथी बार पांच साल के लिए देश की सत्ता की बागडोर हासिल करने पर है।
बंगलादेश में चुनाव के दौरान बंगलादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) सहित विपक्षी दलों की ओर से हड़ताल और बहिष्कार के आह्वान तथा छिटपुट झड़पों के बीच कई मतदान केंद्रों पर मतदान कम रहा।
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने राष्ट्रीय राजधानी ढाका के एक मतदान केंद्र पर मतदान किया।
राजधानी के कई मतदान केंद्रों समेत विभिन्न स्थानों के बूथों पर मतदान काफी कम हुआ।
पीठासीन अधिकारियों ने कहा कि ठंड के मौसम के कारण मतदान का प्रतिशत कुछ कम रहा। उन्होंने बताया कि दोपहर 12 बजे के बाद मतदाताओं की संख्या बढ़ी।
इस बीच, सुबह मतदान शुरू होने के बाद छिटपुट झड़पों की सूचना मिली है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक एक निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थकों ने एक शख्स पर धारदार हथियार से हमला कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया।
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार चट्टोग्राम में पुलिस और मुख्य विपक्षी बीएनपी के सदस्यों के बीच एक और झड़प हुई।
बीएनपी, जमात-ए इस्लामी, लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट और कई अन्य विपक्षी दलों ने रविवार को हड़ताल का आह्वान किया था। इन पार्टियों ने चुनावों का बहिष्कार किया है और चुनावों को ‘तमाशा’ बताते हुए लोगों से वोट न देने का आग्रह किया है। उन्होंने सुश्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के इस्तीफे और तटस्थ कार्यवाहक सरकार के तहत चुनाव कराने की मांग की है।...////...