बहुआयामी प्रतिभा से दर्शकों के बीच अमिट पहचान बनायी गुरूदत्त ने
09-Oct-2021 10:50 AM 6568
पुण्यतिथि 10 अक्टूबर के अवसर पर मुंबई, 09 अक्टूबर (AGENCY) बॉलीवुड इंडस्ट्री में गुरूदत्त को एक ऐसे बहुआयामी कलाकार के तौर पर जाना जाता है जिन्होंने फिल्म निर्माण निर्देशन, नृत्य निर्देशन और अभिनय की प्रतिभा से दर्शको को अपना दीवाना बनाया। 09 जुलाई, 1925 को कर्नाटक के बेंगलूरु शहर में एक मध्यम वर्गीय बाह्मण परिवार में जन्में गुरूदत्त (वसंत कुमार शिवशंकर राव पादुकोण) का रुझान बचपन के दिनों से ही नृत्य और संगीत की तरफ था। उनके पिता शिवशंकर पादुकोण एक स्कूल मे हेड मास्टर थे, जबकि उनकी मां भी स्कूल में ही शिक्षिका थीं। गुरूदत्त ने अपनी प्रांरभिक शिक्षा कोलकाता (तब कलकत्ता) शहर में रहकर पूरी की। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उन्हें मैट्रिक के बाद अपनी पढ़ाई छोड़ देनी पड़ी। संगीत के प्रति अपने शौक को पूरा करने के लिए गुरूदत्त ने अपने चाचा की मदद से पांच वर्ष के लिए छात्रवृत्ति हासिल की और अल्मोड़ा स्थित उदय शंकर इंडिया कल्चर सेंटर में दाखिला ले लिया, जहां वह उस्ताद उदय शंकर से नृत्य सीखा करते थे। इस बीच गुरूदत्त ने टेलीफोन ऑपरेटर के रूप में भी एक मिल में काम भी किया। उदय शंकर से पांच वर्ष तक नृत्य सीखने के बाद उन्होंने पुणे के प्रभात स्टूडियो में तीन वर्ष के अनुबंध पर बतौर नृत्य निर्देशक शामिल कर लिए गए। वर्ष 1946 में उन्होंने प्रभात स्टूडियो की निर्मित फिल्म 'हम एक हैं' से बतौर कोरियोग्राफर अपने सिने कैरियर की शुरुआत की। इस बीच, गुरूदत्त को प्रभात स्टूडियो की निर्मित कुछ फिल्मों में अभिनय करने मौका भी           प्रभात स्टूडियो के साथ किए गए अनुबंध की समाप्ति के बाद वह अपने घर मांटूगा लौट आए। इस दौरान, वह छोटी छोटी कहानियां लिखने लगे जिसे वह छपने के लिए प्रकाशक के पास भेज दिया करते थे। इसी दौरान उन्होंने 'प्यासा' की कहानी भी लिखी, जिस पर उन्होंने बाद मे फिल्म भी बनाई। वर्ष 1951 में प्रदर्शित देवानंद की फिल्म 'बाजी' की सफलता के बाद गुरूदत्त बतौर निर्देशक अपनी पचान बनाने में कामयाब हो गए। इस फिल्म के निर्माण के दौरान उनका झुकाव पाश्र्वगायिका गीता राय की ओर हो गया और वर्ष 1953 में गुरूदत्त ने उनसे शादी कर ली।वर्ष 1952 में अभिनेत्री गीताबाली की बड़ी बहन हरिदर्शन कौर के साथ मिलकर गुरूदत्त ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया, लेकिन वर्ष 1953 मे प्रदर्शित फिल्म 'बाज' की नाकामयाबी के बाद गुरूदत्त ने स्वयं को उनके बैनर से अलग कर लिया और इसके बाद उन्होंने अपनी खुद की फिल्म कंपनी और स्टूडियो बनाया जिसके बैनर तले वर्ष 1954 में उन्होंने फिल्म 'आर पार' का निर्माण किया। 'आरपार' की कामयाबी के बाद उन्होंने बाद में 'सीआईडी', 'प्यासा', 'कागज के फूल', 'चौदहवीं का चांद' और 'साहब बीवी और गुलाम' जैसी कई फिल्मों का निर्माण किया।गुरूदत्त ने कई फिल्मों की पटकथा भी लिखी जिनमें 'बाजी', 'जाल' और 'बाज' शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने लाखारानी, मोहन, गल्र्स होस्टल और संग्राम जैसी कई फिल्मों का सहनिर्देशन भी किया।     वर्ष 1953 में प्रदर्शित फिल्म बाज के साथ गुरूदत्त ने अभिनय के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और इसके बाद सुहागन, आरपार, मिस्टर एंड मिसेज 55, प्यासा, 12ओ क्लॉक, कागज के फूल, चौदहवी का चांद, सौतेला भाई, साहिब बीवी और गुलाम, भरोसा, बहूरानी, सांझ और सवेरा तथा पिकनिक जैसी कई फिल्मों में अपने अभिनय का जौहर दिखाया। वर्ष 1954 मे प्रदर्शित फिल्म 'आरपार' की कामयाबी के बाद गुरूदत्त की गिनती अच्छे निर्देशकों में होने लगी। इसके बाद उन्होंने प्यासा और मिस्टर एंड मिसेज 55 जैसी अच्छी फिल्में भी बनाई। वर्ष 1959 में अपनी निदेर्शित फिल्म कागज के फूल की बॉक्स ऑफिस पर असफलता के बाद उन्होंने निर्णय लिया कि भविष्य में वह किसी और फिल्म का निर्देशन नहीं करेंगें। ऐसा माना जाता है कि वर्ष 1962 में प्रदर्शित फिल्म साहिब बीबी और गुलाम हालांकि गुरूदत्त ने ही बनाई थी, लेकिन उन्होंने इसका श्रेय फिल्म के कथाकार अबरार अल्वी को दिया।गुरूदत्त ने कई फिल्मों की पटकथा भी लिखी जिनमें बाजी, जाल और बाज शामिल है। वर्ष 1957 में गुरूदत्त और गीता दत्त की विवाहित जिंदगी मे दरार आ गई। इसके बाद गुरूदत्त और गीता दत्त ने अलग अलग रहने लगे। इसकी एक मुख्य वजह यह भी रही कि उस समय उनका नाम अभिनेत्री वहीदा रहमान के साथ भी जोड़ा जा रहा था। गीता राय से जुदाई के बाद गुरूदत्त टूट से गए और उन्होंने अपने आप को शराब के नशे में डूबो दिया। 10 अक्तूबर 1964 को अत्यधिक मात्रा में नींद की गोलियां लेने के कारण गुरूदत्त इस दुनिया को सदा के लिए छोड़ कर चले गए। उनकी मौत आज भी सिने प्रेमियो के लिए एक रहस्य ही बनी हुई है।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - Khabar Baaz | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^