22-Dec-2024 08:37 PM
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श्रीनगर 22 दिसंबर (संवाददाता) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि वह आरक्षण नीति से जुड़ी भावनाओं को समझते हैं, मामला अदालत में है।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की अदालतों में चुनौती दी गई है।
श्री उमर ने एक्स पर सोमवार को मुख्यमंत्री के आवास के बाहर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के सांसद रूहुल्ला मेहदी द्वारा प्रस्तावित धरना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “मैं आरक्षण मुद्दे से जुड़ी भावनाओं को समझता हूं।”
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले जारी हमारे घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस (जेकेएनसी) ने इसके सभी पहलुओं की जांच करने की प्रतिबद्धता जताई थी।
श्री उमर ने कहा,“इस प्रतिबद्धता के तहत ही इस वादे को पूरा करने के लिए कैबिनेट उप-समिति का गठन किया गया है।” उन्होंने कहा कि उप-समिति को हाल ही में अधिसूचित किया गया है और यह सभी हितधारकों के साथ मिलकर अपना काम शुरू करने की प्रक्रिया में है। इस बीच आरक्षण नीति को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालय में भी चुनौती दी गई है।
उन्होंने कहा,“जब अंतिम कानूनी विकल्प समाप्त हो जाएंगे तो हम निश्चित रूप से किसी भी निर्णय को मानने के लिए बाध्य होंगे।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके ध्यान में आया है कि आरक्षण नीति के इर्द-गिर्द अन्याय की भावना को उजागर करने के लिए श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा,“शांतिपूर्ण विरोध एक लोकतांत्रिक अधिकार है और मैं किसी को भी इस अधिकार से वंचित करने वाला आखिरी व्यक्ति होऊंगा लेकिन कृपया यह जानते हुए विरोध करें कि इस मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया गया है या दबाया नहीं गया है।”
उन्होंने कहा,“आपकी सरकार वही कर रही है जो कोई भी जिम्मेदार सरकार करती है - यह सुनिश्चित करना कि सभी की बात सुनी जाए और उचित प्रक्रिया पूरी करने के बाद एक निष्पक्ष निर्णय लिया जाए।...////...