28-Jun-2025 03:26 PM
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मुंबई, 28 जून (संवाददाता) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) पवई में अवैध रूप से प्रवेश के मामले में मुंबई पुलिस की अपराध शाखा की जांच टीम ने संस्थान की सुरक्षा टीम की ओर से लापरवाही पर चिंता जताई है और परिसर की सुरक्षा में गंभीर चूक को भी उजागर किया है।
गौरतलब है कि इस मामले में कर्नाटक के मंगलुरु के एक निवासी को अवैध रूप से छात्रावास में रहने और आईआईटी मुंबई में व्याख्यान में भाग लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह संस्थान भारत का प्रमुख तकनीकी संस्थानों और दुनिया के अग्रणी विश्वविद्यालयों में से एक है।
बिलाल अहमद फैयाज अहमद तेली नामक व्यक्ति ने कथित तौर पर संस्थान के भीतर जासूसी गतिविधियों को अंजाम दिया और 14 दिनों तक अवैध रूप से आईआईटी पवई के अंदर रहा, सुरक्षा कर्मियों की नजर में आए बिना लगभग आठ से 10 बार परिसर में स्वतंत्र रूप से आता जाता रहा।
पुलिस को बिलाल के मोबाइल फोन पर मैसेजिंग और कॉलिंग प्लेटफॉर्म आईएमओ और सिग्नल ऐप मिले हैं।
अपराध शाखा के अधिकारियों ने महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य बरामद किए हैं, जिसमें आरोपी को दो सप्ताह की अवधि में कई बार परिसर में प्रवेश करते और बाहर निकलते हुए देखा गया है। जांच ने संस्थान की सुरक्षा टीम की ओर से की गयी लापरवाही पर चिंता जताई है। सूत्रों ने कहा कि बिलाल परिसर में विभिन्न स्थानों पर सोता था, जिसमें हॉस्टल लॉबी में सोफे और खाली कमरों में गद्दे भी दिखाई दिये हैं, वह रोजाना अपने सोने की जगह बदलता था।
पूछताछ के आधार पर अपराध शाखा ने परिसर में उसके प्रवेश मार्गों और आवाजाही का नक्शा बनाया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि आगे की जांच में सहायता के लिए एक विस्तृत नक्शा तैयार किया गया है। हालांकि, उसके लंबे समय तक रहने और निगरानी के पीछे का मकसद अभी स्पष्ट नहीं हुआ है।
अपराध शाखा ने बताया कि बिलाल ने वीपीएन का उपयोग करके आईआईटी पवई के आंतरिक क्षेत्रों के वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किए थे। उसके मोबाइल फोन के फोरेंसिक विश्लेषण से ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं। जांचकर्ता इन अपलोड के पीछे के उद्देश्य का पता लगाने में जुटे हैं।
सात से दस जून के बीच बिलाल कथित तौर पर मुंबई से सूरत गया और दावा किया कि वह अपने रिश्तेदारों से मिलने गया था। अपराध शाखा फिलहाल इस दावे की पुष्टि कर रही है। जांचकर्ताओं ने यह भी पाया है कि बिलाल कम से कम 21 ईमेल आईडी संचालित कर रहा था।
मामले की संवेदनशीलता काे देखते हुए, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) अब जांच में शामिल हो गए हैं और आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ कर रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने संकेत दिया कि कई सबूत संदिग्ध गतिविधियों की ओर इशारा करते हैं।...////...