16-Mar-2022 06:22 PM
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नयी दिल्ली,16 मार्च (AGENCY) केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरन रिजिजू ने देश के आदिवासी समाज के सम्मान और विकास के लिए मौजूदा सरकार की नीतियों और कदमों की सराहना करते हुए कहा कि इसके कारण ही आज पूर्वोत्तर और अन्य आदिवासी बहुल क्षेत्रों में तेजी से शांति का वातावरण बना है।
श्री रिजिजू ने कहा कि आज़ादी के बाद बहुत समय तक सरकारों में आदिवासी समाज की उपेक्षा और अनदेखी के कारण ही जगह-जगह उनके युवाओं ने हथियार और हिंसा का रास्ता पकड़ लिया। उन्होंने कहा,“भारत बहुत बड़ा देश है और इसके मुद्दे बहुत बड़े-बड़े हैं। पर यदि जनजातीय लोगों के छोटे-छोटे मुद्दों और भावनाओं का पहले ही समुचित ध्यान रख लिया गया होता तो बहुत सी समस्याएं नहीं होती।”
श्री रिजिजू राज्य सभा में जनजातीय कल्यण मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा में हस्तक्षेप कर रहे थे। चर्चा का जबाव विभाग के मंत्री अर्जुन मुंडा ने दिया।
उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को हर वर्ष 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाए जाने और स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी जन-नायकों के योगदान की गाथाओं के संग्रह के सरकार के निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। उन्होंने झारखंड के आदिवासी नेता बिरसा मुंडा को भगवान के रूप में संबोधित करने पर एक विपक्षी सदस्य की आपत्ति को खारिज करते हुए कहा,“आदिवासी लोग भावुक होते हैं। वे अपने नायक को भगवान मानते हैं। ”
उन्होंने इस बार के बजट में आदिवासियों के विकास के लिए बजट प्रावधानों में 12 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि तथा उनके लिए विशेष उद्यम पूंजी की सुविधा जैसे कुछ अभिनव प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘आदिवासी जंगल से जरूर जुड़े हैं पर उन्हें उसके आगे भी बढ़ना है। वे शहरों के जीवन को भी देखना चाहते हैं।’
विधि मंत्री ने कहा कि एक युवा आदिवासी नेता के रूप में उन्होंने पाया था कि दूर दराज के क्षेत्रों से आने वाले आदिवासियों के प्रतिनिधियों को मंत्रियों और बड़े अधिकारियों से मिलने के लिए समय नहीं मिलता था।
श्री रिजिजू ने कहा, “श्री पी ए संगमा देश में जनजातीय समाज के पहले मंत्री थे। आजादी के दशकों बाद नरसिम्हा राव सरकार में किसी आदिवासी को यह अवसर मिला। आज मोदी सरकार में आदिवासी समाज के तीन कैबिनेट स्तर के और आठ राज्य मंत्री हैं।”
उन्होंने जनजातीय समाज और उनके क्षेत्रों के उत्थान और विकास के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश की तमाम ऐसी जनजातियों को अनुसूचित जनजातियों की सूची में मान्यता दे कर उनका भरोसा बढ़ाया है, जो पहले सूची में नहीं थीं। उन्होंने कहा, “खास कर पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास और वहां के लोगों की आकांक्षाओं का ध्यान देने से आज असम जैसे राज्य में हाल में विधानसभा चुनाव अपेक्षाकृत बहुत शांति से सम्पन्न हुआ। राज्य में एक समय ऐसा भी था जबकि आए दिन वहां कहीं न कहीं बंद या धमाके होते रहते थे।”
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में गृह-राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने दिल्ली पुलिस में पूर्वोत्तर के एक हजार युवाओं की भर्ती की जो राजधानी की सुरक्षा मजबूत करने के साथ राजधानी में रहने वाले पूर्वोत्तर के लोगों के साथ होने वाली घटनाओं पर भी निगाह रखने में मदद कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस में पूर्वोत्तर की चुस्त-दुरुस्त बालिकाओं का कमांडो दस्ता भी बनाया गया है।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री वाजपेयी की सरकार थी जिसने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए अलग मंत्रालय बनाया और आज आदिवासी मामलों का एक अलग मंत्रालय भी काम कर रहा है।...////...